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पुद्गल-कोश .३ संस्थान की अपेक्षा अल्पबहुत्व
द्रव्य तथा प्रदेश की अपेक्षा
दव्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा परिमंडला संठाणा दग्वट्ठयाए, सो चेव दव्वट्ठयाए गमओ भाषियव्वो, जाव - अणित्थंथा संठाणा दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा, अणित्थंथेहितो संठाणेहितो दव्वट्टयाए ( दन्वट्ठयाएहितो) परिमंडला संठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, बट्टा संठाणा पएसट्टयाए संखेज्जगुणा-सो चेव पएसट्टयाए गमओ भाणियन्वो, जाव अणित्थंथा संठाणा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा।
-भग० श २५ । उ ३ सू ३६ । पृ० ९०७ द्रव्य तथा प्रदेश की अपेक्षा
१-द्रव्यतः सबसे परिमंडल संस्थान हैं। २-उससे वृत्त संस्थान के द्रव्य संख्यातगुणे हैं । ३-उससे चतुरस्र संस्थान के द्रव्य असंख्यातगुणे हैं। ४-उससे व्यस्र (त्रिकोण ) संस्थान के द्रव्य संख्यातगुण हैं। ५-उससे आयत संस्थान के द्रव्य संख्यातगुणे हैं। ६-उससे अनित्थंस्थ संस्थान के द्रव्य असंख्यातगुणे हैं ।
७-उससे अनित्थंस्थ संस्थान (द्रव्य रूप से ) के द्रव्य से परिमंडल संस्थान के प्रदेश असंख्यातगुणे हैं।
८-उससे वृत्त संस्थान के प्रदेश संख्यातगुणे हैं। ९-उससे चतुरस्र संस्थान के प्रदेश संख्यातगुणे हैं । १०-उससे त्यस संस्थान के प्रदेश संख्यातगुण हैं । ११-उससे आयत संस्थान के प्रदेश संख्यातगुणे हैं ।
१२--उससे अनित्थंस्थ संस्थान के प्रदेश असंख्यातगुणे हैं । •४३ पुद्गलपरिवर्त निर्वर्तन काल की अल्पबहुत्व
एयस्स णं भंते ! ओरालियपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकालस्स, देउवियपोग्गलपरियट्टनिव्वत्तणाकालस्स, जाव-आणापाणु पोग्गलपरियट्ट
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