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पुद्गल-कोश सोगाढे संखिज्जपएसोगाढे जाव एगपएसोगाढे से तं पच्छाणुपुवी। से कि तं अणाणुपुव्वी, २ एआए चेव एगाइआए एगुत्तरिआए असंखिज्जगच्छगयाए सेढोए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो।
--अणुओ• सू १०४
उपनिधिकी खेत्तापुर्वी के तीन प्रकार है-यथा-पुर्वानुपूर्वी, पश्चातानुपूर्वी तथा अनानुपूर्वी । पुर्वानुपूर्वी अनेक प्रकार की है-यथा-एकप्रदेशावगाढ़, द्विप्रदेशावगाढ़ जाव दसप्रदेशावगाढ़, संख्यातप्रदेशावगाढ़ और असंख्यातप्रदेशावगाढ़ ।
पश्चातानुपूर्वी अनेक प्रकार की है-यथा-असंख्मातप्रदेशावगाढ़, संख्यातप्रदेशावगाढ़ यावत् एकप्रदेशावगाढ़ । .५३ अल्पबहुत्व
एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं दन्वादेसेणं, खेत्तादेसेणं कालादेसेणं भावादेसेणं सपएसाणं अपएसाण य कयरे कयरेहितो अप्पा बा ? बहुया ? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा ?
नारयपुत्ता? सम्वत्थोबा भावादेसेणं अपएसा, कालादेसेणं अपएसा असंखेज्जगुणा, दम्वादेसेणं अपएसा असंखेज्जगुणा, खेत्तादेसेणं अपएसा असंखेज्जगुणा, खेत्तादेसेगं चेव सपएसा असंखेज्जगुणा, दव्वादेसणं सपएसा विसेसाहिया, कालादेसेणं सपएसा विसेसाहिया, भावादेसेणं सपएसा विसेसाहिया।
-भग० श ५ । उ ८ । सू २०६ भावादेश से अप्रदेश पुद्गल सबसे थोड़े हैं। उनसे कालादेश की अपेक्षा अप्रदेश पुद्गल असंख्यगुणे हैं। उनसे द्रव्यादेश की अपेक्षा अप्रदेश पुद्गल असंख्यगुणे हैं। उनसे क्षेत्रादेश की अपेक्षा सप्रदेश पुद्गल असंख्यगुणे हैं। उनसे द्रव्यादेश की अपेक्षा सप्रदेश पुद्गल विशेषाधिक है। उनसे कालादेश की अपेक्षा सप्रदेश पुद्गल विशेषाधिक है और उनसे भावादेश की अपेक्षा सप्रदेश पुद्गल विशेषाधिक है।
नोट-सबसे थोड़े भाव से अप्रदेश पुद्गल है। जैसे-एक गुण काला और एक गुण नीलादि। उनसे काल से अप्रदेशी पुद्गल असंख्यातगुणे हैं। जैसेएक समय की स्थिति वाले पुद्गल, उनसे द्रव्य से अप्रदेशी पुद्गल असंख्यातगुणे हैं ।
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