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पुद्गल-कोश वन्वट्ठपएसट्टयाए-सव्वत्थोवा अणंतपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए, ते चेव पएसट्टयाए अणंतगुणा, परमाणुपोग्गला दबटुपएसट्टयाए अणंतगुणा, संखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्ठयाए संखेज्जगुणा, ते चेव पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जगएसिया खंधा दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, तं चेव पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा।
-----भग• श २५ । उ ४ । सू १६३ । पृ० ९२३
--पण्ण० पद ३ । सू २१३
१. द्रव्य की अपेक्षा
सबसे कम द्रव्यत: अनंतप्रदेशी स्कंध है, उससे द्रव्यतः परमाणुपुद्गल अनंतगुणे हैं, उससे द्रव्यतः संख्यातप्रदेशौ स्कंध संख्यातगुणे हैं, उससे द्रव्यतः असंख्यातप्रदेशी स्कष असंख्यातगुणे हैं।
२. प्रदेश की अपेक्षा
सबसे थोड़े अनंतप्रदेशी स्कंध के प्रदेश हैं, उससे परमाणुपुद्गल के अप्रदेश (प्रदेश ) अनंतगुणे हैं, उससे संख्यातप्रदेशी स्कंध के प्रदेश संख्यातगुणे हैं तथा उससे असंख्यातप्रदेशी स्कंध के प्रदेश असंख्यातगुणे हैं।
द्रव्यतः-प्रदेशतः अपेक्षा
सबसे कम अनंतप्रदेशी स्कंध के द्रव्य हैं, उससे अनंतप्रदेशी स्कंध के प्रदेश अनंतगुणे हैं, उससे परमाणु पुद्गलों के द्रव्य-प्रदेश अनंतगुणे हैं, उससे संख्यातप्रदेशी स्कंध के द्रव्य संख्यातगुणे हैं, उससे संख्यातप्रदेशौ स्कंध के प्रदेश संख्यातगुणे हैं, उससे असंख्यातप्रदेशी स्कधों के द्रव्य असंख्यातगुणे हैं, उससे असंख्यातप्रदेशी स्कंध के प्रदेश असंख्यातगुणे हैं।
.५१ स्कंध की अल्पबहुत्व १ सकंप-निष्कंप स्कंध पुद्गलों की अल्पबहुत्व
एएसि गं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं सेयाणं, निरेयाण य कयरे कयरेहितो जाव-विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा परमाणुपोग्गलासेया, निरेया असंखेज्जगुणा, एवं जाव–असंखिज्जपएसियाणं खंधाणं। [सू ९८].
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