Book Title: Pudgal kosha Part 1
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 759
________________ ६६७ पुद्गल-कोश इस लेश्या-कोश में लेश्या सम्बन्धित पाठों का संकलन कर क्रमबद्ध सजाया है व हिन्दी अनुवाद किया है। लगभग ५० ग्रन्थों का शोधकर प्रस्तुत कोश को तैयार किया है। पुस्तक शोधाथियों के लिए अत्यन्त उपादेय बनी है। -श्री ज्ञान० स्था० जन सभा, मासिक पत्रिका लेश्या-कोश एक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। जिसका देशी-विदेशी, जैन-अजैन सभी विद्वानों के द्वारा बहु समादृत हुआ। -मोहनलाल बंद लेश्या कोश क्रिया कोश योग कोश इन तीनों के सम्पादक हैं-स्व. मोहनलाल बांठिया तथा श्रीचन्द चोरडिया। सम्पादक-द्वय ने लेश्या, क्रिया और योग बिखरे सन्दर्भो को जैन आगम या साहित्य से एकत्रित कर उनको सुसंयोजित रूप को लेश्या कोश, क्रिया कोश और योग कोश के रूप में प्रकाशित किया था। सारा विषय ३५ बिन्दुओं में विभक्त है तथा हिन्दी भाषा के अनुवाद से अन्वित है। लेश्या कोश सन् १९६६ में, क्रिया कोश १९६९ में व योग कोश १९९४ में जैन दर्शन समिति, कलकत्ता से प्रकाशित हुआ है। श्री भिक्षु आगम विषयक पूरोवाक् __-गणाधिपति तुलसी - आचार्य श्री महाप्रज्ञ सितम्बर १९९६ विद्वानों को सम्मति लेश्या कोश-यह जैन वांगमय का श्वेताम्बर सामग्री-स्त्रोतों पर आधारित सर्वप्रथम विशेष कोश है। यद्यपि कोशकारों की योजना है कि वे दिगम्बर-सामग्री स्त्रोतों पर आधारित एक अन्य लेश्या कोश सम्पादित करें तथापि उनकी इस परिकल्पना ने, अभी कोई आकार ग्रहण नहीं किया है। प्रस्तुत कोश, जैन कोश विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक आरम्भ है। समग्र कोश वैज्ञानिक विधि से सम्पादित है। इसलिए इसे हम केवल लेश्या सम्बन्धी शब्दों की विवरणिका नहीं कहेंगे, वरन एक ठोस कोश-रचना का अभियान देंगे। विद्वान कोषकारों ने प्रस्तावना में कोश रचना पद्धति, मेथाडोलोजी पर भी विशद प्रकाश डाला है। सम्पूर्ण योजना, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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