Book Title: Pudgal kosha Part 1
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

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Page 779
________________ पुद्गल-कोश ६८७ This Cyclopaedia of Vardhamana will be very useful for the source-material on the life and story of Lord Mahavira. As the editor has ransacked both the Swetambara and Digambara source-books, this volume is free from all sorts of parochial outlook I hope, this book must be in the library of every learned scholar. -Dr. Satyaranjan Banerjee प्रस्तुत ग्रन्थ उपलब्ध जैन वाङ्मय में भगवान महावीर की जीवनी से सम्बन्धित मूल पाठ एवं अनुवाद प्रकाशित कर शोधार्थियों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण सामग्री का यह दूसरा भाग है। ऐसे ग्रन्थों के सम्पादन में बहुश्रुतत्व और धैर्यपूर्वक सम्पन्न करने में विद्वान सम्पादक अवश्य ही सफल हुए हैं। -कुशल-निर्देश मार्च १९९२ वर्धमान जीवन कोश, तृतीय खण्ड यह सब आपके परिश्रम का परिणाम है। हर पुस्तक का अलग-अलग विवरण दिया है । मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। -जबरमल भण्डारी ५ अगस्त १९९२ प्रस्तुत ग्रन्थ जैनागमों व ग्रन्थों के मंथन द्वारा संकलित भगवान महावीर के जीवन सामग्री का सानुवाद संग्रह करने का भागीरथ प्रयत्न है। जैन धर्म से सम्बन्धित शोध कार्य करने वालों के लिए यह बहुत ही सहायक और वर्षों से निष्ठा पूर्वक किये गये परिश्रम का सुखद परिणाम है। सम्पादक महोदय ने इतः पूर्व दो खण्डों में एतद् विषयक सामग्री प्रस्तुत करने के अतिरिक्त लेश्या कोश, क्रिया कोश और मिथ्यात्वी का आध्यात्मिक विकास संस्था द्वारा प्रकाशित कर जैन समाज का ही नहीं पर अनुसंधेत्सु छात्रों-विद्वानों का भी बड़ा उपकार किया है। -कुशल-निर्देश मार्च १९९२ योग-कोश पर प्राप्त समीक्षा नामानुसार अत्यन्त महत्वपूर्ण संकलन ग्रन्थ है। योग से सम्बन्धित संपूर्णपाठों को इस ग्रन्थ में समग्रता से संकलन किया गया है। जैन धर्म दर्शन को समझने के लिए ये ग्रन्थ अत्यन्त महत्वपूर्ण है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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