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पुद्गल - कोश
६०७
एएसि णं भंते ! असंखेज्जपदेसियाणं - पुच्छा । गोयमा ! अनंतपएसिहिंतो खंधहितो असंखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए बहुया [ सू १५५ ] — भग० श २५ । उ ४ । सू १५२ से १५५ । पृ० ९२१
द्रव्य की अपेक्षा तीन प्रदेशौ स्कंध से द्विप्रदेशी स्कंध बहुत है । इसी प्रकार यावत् दस अधिक स्कध से नव प्रदेश स्कंध बहुत है ।
दस प्रदेशौ स्कंधों से नव प्रदेशी स्कंध अधिक है । असंख्यात प्रदेशी स्कंध बहुत है । अनंतप्रदेशी स्कंध से बहुत है ।
• ४७ प्रदेश की अपेक्षा परमाणु पुद्गल तथा दो प्रदेशी स्कंध की अल्पबहुत्व एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं दुपएसियाण य खंधाणं पएसट्टयाए कयरे करेहितो बहुया ? गोयमा ! परमाणुपोग्गले हितो दुपएसिया बंधा परसट्टयाए बहुया ।
- भग० श २५ । उ ४ । सू १५६ । पृ० ९२१ परमाणुपुद्गलों के प्रदेश से द्विप्रदेशी स्कंध के प्रदेश अधिक हैं । •५० परमाणुपुद्गल तथा स्कंध पुद्गल की अल्पबहुत्व • १ द्रव्य की अपेक्षा
• २ प्रदेश की अपेक्षा
• ३ द्रव्यप्रदेश की अपेक्षा
संख्यात प्रदेशी स्कंधों से असंख्यात प्रदेशी स्कंध
एएसि णं भंते! परमाणुपोग्गलाणं संखेज्जपएसियाणं, असंखेज्जएसियाणं अणतपएसियाण य खधाणं दव्वट्टयाए पएसट्टयाए दव्वटुपएस ट्ठयाए करे करेहितो जाव-विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा अनंत एसिया खंधा दव्वट्टयाए, परमाणुपोग्गला बव्वट्टयाए अनंतगुणा, संखेज्जपएसिया खंधा दव्वट्टयाए संखेज्जगुणा, असंखेज्जपएसिया बंधा बग्वट्टयाए असंखेज्जगुणा ।
पएसट्टयाए – सव्वत्थोवा अणतपएसिया बंधा पएसट्टयाए, परमाणुपोग्गला अपएसट्टयाए अनंतगुणा, संखेज्जप एसिया खंधा पएसट्टयाए सं खेज्जगुणा, असंखेज्जप एसिया बंधा पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा ।
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