________________
• ५६ अल्पबहुत्व
पुद्गल-कोश
जीव पुद्गल नं काल नां समया । द्रव्य प्रदेश नं पजवा पिछाणो ॥
थोडा अनंतगुणा अनंतगुणा वलि । विसेसाहिया अनंत अनंतगुण जाणो ॥
-भोणीचर्चा, झौणोज्ञान पृ० २२४
जीव सबसे कम है, पुद्गल उनसे अनंतगुणे हैं । काल के समय उनसे अनंतगुणे हैं | द्रव्य उनसे विशेषाधिक है । प्रदेश उनसे अनंतगुणे हैं और उनसे पर्यव अनंत गुण हैं ।
विश्लेषण - जीव संख्या में अनंत हैं, पर पुद्गलों की संख्या जीवों से बहुत अधिक है । काल, जीव और पुद्गल से अधिक व्यापक है, इसलिए वह उनसे अधिक है । छः द्रव्य है । काल उनमें से एक है, इससे द्रव्य काल से विशेषाधिक होता है । काल को छोड़कर शेष पांच द्रव्यों के प्रदेश ( अविभागी पर्याय ) होते हैं, इस दृष्टि से प्रदेश द्रव्य से अनंतगुणे हैं । प्रत्येक द्रव्य के अनंत पर्यव होते हैं । इस दृष्टि से पर्यव प्रदेश से अनंतगुणे हैं ।
Jain Education International
६१३
• ५७ जीव पोग्गल समया दव्व पएसा य पज्जवा चेव । विसेस अहिआ
योवाणंताणंता
दुवेऽणंता ॥
- प्रवसा० द्वार २६४ । गा १४३६
--
जीव, पुद्गल, समय, द्रव्य, प्रदेश व पर्याय —- इनमें सबसे कम जीव, उससे पुद्गल अनंतगुणे हैं, पुद्गल से काल अनंतगुणा है । समय से सब द्रव्य विशेषाधिक है । उनसे प्रदेश अनंतगुणे हैं, उनसे पर्याय अनंतगुणी है ।
• ५८ सिद्धा १ निगोयजीव २ वणस्सई ३ काल ४ पोग्गला ५ चेव ।
सव्वमलोयागासं ६ छप्पेएऽणतया नेया ॥ ४०९ ॥
सिद्ध, निगोद जीव, वनस्पति, काल, पुद्गल व आकाश
नोट – इनमें सबसे न्यून सिद्ध है, सिद्ध से निगोद जीव अनंतगुणे अधिक है, इनसे वनस्पति जौव विशेषाधिक है, इनसे पुद्गल अनंतगुणे हैं, इनसे काल अनंतगुणे हैं,
For Private & Personal Use Only
- प्रवसा० द्वार २५६
- ये छ: अनंत हैं ।
-
www.jainelibrary.org