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पुद्गल-कोश
·५ छः द्रव्यों की प्रदेश की अपेक्षा अल्पबहुत्व
पुद्गल अनंत है
धम्माधम्मागासा तिष्णि वि तुल्लाणि होंति थोवाणि । asis जीवपोग्गल कालागासा अनंतगुणा ||
- षट्० खण्ड १ । भा २ । सू ३ । टीका में उद्धृत । पु ३ । पृ० १५
धर्म द्रव्य, अधर्म द्रव्य और लोकाकाश – ये तीनों ही समान होते हुए स्तोक है तथा जीव द्रव्य, पुद्गल द्रव्य, काल के समय और आकाश के प्रदेश – ये उत्तरोत्तर वृद्धि की अपेक्षा अनंतगुणे हैं ।
·६ द्रव्य - प्रदेश - पर्याय की अपेक्षा अल्पबहुत्व
(क) एएसि णं भंते ! जीवाणं पोग्गलाणं अद्धासमयाणं सव्वदव्वाणं सव्व एसाणं सव्वपज्जवाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा १, पोग्गला अनंत गुणा २, अद्धासमया अनंत गुणा ३, सव्वदव्वा विसेसाहिया ४, सव्वपएसा अनंत गुणा ५, सव्वपज्जवा अनंतगुणा ।
(ख) जीवा पोग्गल समया दव्व पएसा य पज्जवा चेव । योवाणंताणंता विसेसअहिआ
दुवेऽणंता ॥
- प्रवसा • गा १४३६
- पण्ण ० प ३ । सू २७५
सबसे न्यून जीव है, उससे पुद्गल अनंतगुणे हैं, उससे काल अनंतगुणा हैं, उससे सर्व द्रव्य विशेषाधिक हैं, उससे सर्व प्रदेश अनंतगुणे हैं, उससे सर्व द्रव्यों की पर्याय अनंतगुणी है।
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७ प्रदेश की अपेक्षा छः द्रव्यों का अल्पबहुत्व पुद्गल अनंत है
एएसि णं भंते ! धम्मत्थिकाय-अधम्मस्थिकाय आगासत्थि काय - जीवतिथकाय-पोग्गलत्थिकाय - अद्धासमयाणं पएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! धम्मत्थिकाए
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