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पुद्गल-कोश
५७५ ___ अजघन्य अनुभागस्थान में अभव्य-राशि से अनंतगुणे और सिद्ध-राशि के अनंतवें भाग प्रमाण स्पर्धक होते हैं।
जघन्य स्पर्धक सवसे थोड़ा है, क्योंकि उसकी संख्या एक है। उससे अजघन्य स्पर्धक अनंत गुणे हैं। अभव्य-राशि से अनंत गुणा और सिद्ध-राशि के अनंतवें भाग प्रमाण गुणकार का प्रमाण है। उनसे सभी स्पर्धक विशेषाधिक हैं क्योंकि अजघन्य स्पर्धकों से इनमें स्पर्धक अधिक होता है ।
अथवा अविभाग-प्रतिच्छेदों की अपेक्षा कहते हैं-जघन्य स्पर्धक थोड़ा है। उससे उत्कृष्ट स्पधंक अनंत गुणा है। सब जीवों से अनंतगुणा गुणकार है । अजघन्य-अनुत्कृष्ट स्पर्धक अनंत गुण हैं। अभव्य राशि से अनतगुणा और सिद्ध राशि के अनंतवें भाग प्रमाण गुणकार है। अनुत्कृष्ट स्पर्धक विशेष अधिक हैं । अजघन्य स्पर्धक विशेष अधिक है। सब स्पर्धक विशेष अधिक है।
१ द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव की अपेक्षा सप्रदेश-अप्रदेश पुद्गलों की अल्पबहुत्व
एएसि णं भंते ! पोग्गलाणं दव्वादेसेणं, खेत्तादेसेणं, कालादेसेणं, भावादेसेणं सपएसाणं, अपएसाणं य कयरे-कयरे जाव-विसेसाहिया था ? पारययुत्ता, सव्वत्थोवा पोग्गला भावादेसेणं अपएसा, कालादेसेणं अपएसा असंखेज्जगुणा, दव्वादेसेणं अपएसा असंखेज्जगुणा, खेत्तादेसेण अपएसा असंखेज्जगुणा, खेत्तादेसेण चेव सपएसा असंखेज्जगुणा, दयादेसेणं सपएसा विसेसाहिया, कालादेसेणं सपएसा विसेसाहिया, भावादेसेणं सपएसा विसेसाहिया।
-भग• श ५ उ ८ । सू २०६ सबसे कम भावादेश अप्रदेशी पुद्गल है, उससे कालादेश अप्रदेशी पुदगल असंख्यात गुणे है, उससे द्रव्यादेश अप्रदेशी पुद्गल असंख्यात गुणे है, उससे क्षेत्रादेश अप्रदेशी पुदगल असंख्यात गुणे है, उससे क्षेत्रादेश सप्रदेशी पुद्गल असंख्यात गुणे है, उससे द्रव्यादेश सप्रदेशी पुद्गल विशेषाधिक है, उससे कालादेश सप्रदेशी पुद्गल विशेषाधिक है, उससे भावादेश सप्रदेशी पुद्गल विशेषाधिक है। ___ नोट-नियम से सप्रदेशी द्रव्य पुद्गल की अपेक्षा, क्षेत्रादेश की अपेक्षा सप्रदेशी पुद्गल स्कंध ही होते हैं । कालादेश व भावादेश से सप्रदेशी पुद्गल परमाणु भी होते हैं, स्कंध भी होते हैं ।
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