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-ला
पुद्गल-कोश .३ वर्गणा के भेद (क) औदारिकवेक्रियांगा - हारक - तेजसोचित्ताः । भाषोच्छ् वासमनः कमयोग्याश्चेत्यष्ट वर्गणाः ॥
-लोकप्र० सर्ग ३५ । गा ३ । पृ० ६५० औदारिक, वैकिय, आहारक, तैजस, भाषा, उच्छवास, मन और कर्म-ये आठ वर्गणा है।
(ख) ओराल-विउब्वा-हार-तेय-भासा-णुपाणमण-कम्मो। ___ अह दव्ववग्गणाणं कमो विवज्जासओ खेत्ते ॥
--विशेभा० गा ६३१ •४ भेद
(क) x x x दुपदेसियपरमाणुपोग्गलदव्वववग्गप्पहुडि जाव उवकस्ससखेज्जपदेसियदव्ववग्गणेत्ति ताव एसा संखेज्जपदेसियवग्गणाणाम रुवणुक्कस्ससंखेज्जमेत्तवियप्पाx xx।
-षट्० खण्ड ५, ६ सू ७८ । टीका । पु १४ । पृ० ५७-५८ एगा परमाणुपोग्गलाणं वग्गणा। एवं जाव एगा अणंतपएसियाणं खंधाणं पोग्गलाणं वग्गणा।
-ठाण० स्था १ । सू ५१ । पृ १८५ टोका- x x x। एवं करणात् दुपएसियाण खंधाणं तिचउपंचछसत्तट्टनवदससंखेज्जपएसियाणं असंखेज्जपएसियाण, मिति दृश्यमिति ।
द्विप्रदेशी परमाणु पुद्गल स्कंध द्रव्य वर्गणा से लेकर उत्कृष्ट संख्यात प्रदेशी द्रव्य वर्गणा तक -यह सब संख्यात द्रव्य वर्गणा है। इसके एक कम उत्कृष्ट संख्यात भेद होते हैं। द्विप्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, तीन प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है। चार प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, पंचप्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, छःप्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, सात प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, आठ प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, नव प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, दस प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है, संख्यात प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है। असंख्यात प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है तथा अनंत प्रदेशी स्कंध वर्गणा एक है।
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