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पुद्गल-कोश एवं असंखेज्जपएसिए वि, अणंतपएसिए वि।
-भग• श २५ । उ ४ । सू १७१ से १७४ पृ० ९२४ द्विप्रदेशी स्कंध प्रदेशार्थ से कृतयुग्म, व्योज और कल्योज नहीं है, द्वापर युग्म है।
तीन प्रदेशी स्कंध प्रदेशार्थ से कृतयुग्म, द्वापर युग्म और कल्योज नहीं है, व्योज।
चतुष्प्रदेशी स्कंध प्रदेशार्थ से कृतयुग्म है किन्तु योज, द्वापर युग्म और कल्योज नहीं है।
परमाणु पुद्गल के समान पंचप्रदेशी स्कंध कृतयुग्म, व्योज, द्वापर युग्म नहीं है, कल्योज है, द्विप्रदेशी स्कंध के समान छःप्रदेशी स्कंध, त्रिप्रदेशी स्कंधवत् सप्त प्रदेशी स्कंध, चतुष्प्रदेशी स्कंधवत् अष्टप्रदेशी स्कंध, परमाणु पुद्गल के समान नौ प्रदेशी स्कंध और द्विप्रदेशी स्कंध जैसा दस प्रदेशी स्कंध जानना चाहिए ।
संख्यात प्रदेशी स्कंध कदाचित् कृतयुग्म यावत् कल्योज है ।
इसी प्रकार असंख्यात प्रदेशी स्कंध और अनंत प्रदेशी स्कंध के विषय में भी जानना चाहिए अर्थात् कदाचित् कृतयुग्म यावत् कल्योज है। स्कंध पुद्गल और युग्म प्रदेश की अपेक्षा स्कंध पुद्गलों की संख्या
दुप्पएसिया णं पुच्छा। (पएसट्टयाए ) गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा, नो तेओया, सिय दावरजुम्मा, नो कलिओगा। विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा नो तेओया, दावरजुम्मा, नो कलिओगा। [ सू १७६ ]
तिपएसिया णं (पएसट्टयाए ) पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा, जाव सिय कलिओगा। विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, तेओगा, नो दावरजुम्मा, नो कलिओगा [ सू १७७ ]
चउप्पएसिया णं-पुच्छा। गोयमा ! ओघादेसेणवि विहाणादेसेण वि कडजुम्मा, नो तेओगा, नो दावरजुम्मा, नो कलिओगा। पंचपएसिया जहा परमाणुपोग्गला। छप्पएसिया जहा दुप्पएसिया। सत्तपएसिया जहा
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