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पुद्गल-कोश अवत्तव्वयाइच २४ सिय चरिमाइच अचरिमाई च अवत्तन्वए य २५ सिय चरिमाईच अचरिमाईच अवत्तव्वयाइच २६
-पण्ण० पद १० सू ७८२ से ७८८ '३ संखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसिए अणंतपएसिए खंधे जहेव अट्ठपएसिए तहेव पत्तेयं भाणियन्वं ॥७८९॥
-पण्ण० प १० । सू ७८९ गाहा•४ परमागुम्मि य तइओ पढमो तइओ य होइ दुपएसे।
पढमो तइओ नवमो एक्कारसमो य तिपएसे ॥१८॥ पढमो तइओ नवमो दसमो एक्कारसो य बारसमो। भंगा चउप्पएसे तेवीसइमो य बोद्धव्वो॥१८६॥ पढमो तइओ सत्तमनवदसएक्कारबारतेरसमो। तेवीसचउव्वीसो पणुवीसइमो य पंचमए ॥१८७॥ वि चउत्थ पंचं छ8 पणरस सोलं च सत्तरद्वारं। वीसेक्कवीसबावीसगं च वज्जेज्ज छट्ठम्मि ॥१८९॥ बिचउत्थपंचछट्ठ पण्णर सोलं च सत्तरऽद्वारं । बावीसइमविहूणा सत्तपएसम्मि खंधम्मि ॥१९॥ बिचउत्थपंचछट्ठ पण्णर सोलं च सत्तरद्वारं । एए वजिय भंगा सेसा सेसेसू खंधसु॥१९१॥
-पण्ण० पद १० । सू ७९० में देखो-२६ भांगों का विवरण :३९
द्विप्रदेशी स्कंध कदाचित् चरिम है, अचरिम नहीं है, कदाचित अवक्तव्य है। अवशेष तेबीस भांगों का प्रतिषेध करना चाहिए ।
तीन प्रदेशी स्कंध -१ कदाचित् चरिम है, २ अचरिम नहीं हैं, ३ कदाचित् अवक्तव्य है ( एकवचन की अपेक्षा), ४ चरिम नहीं है, ५ अचरिम नहीं है, ६ अवक्तव्य नहीं है (वहुवचन की अपेक्षा), ७ चरम और अचरम नहीं है, ८ एकवचन चरम और बहुवचन अचरम नहीं है, ९ कदाचित् बहुवचन चरम और एकवचन अचरम है, १० बहुवचन चरम और अचरम नहीं है, ११ कदाचित् एकवचन चरम और अवक्तव्य है। शेष पंद्रह भंगो का प्रतिषेध करना चाहिए।
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