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पुद्गल-कोश
शब्द, बन्ध, सौक्ष्म्य, स्थौत्म्य, संस्थान, भेद, तम, छाया, आतप, उद्योत, प्रभा
आदि स्कंध पुद्गल है ।
• ६३ स्कंध पुद्गल और परमाणु पुद्गल
सन्देस खंधाणं जो अंतो तं वियाण परमाणू ।
समस्त स्कंधों का जो अंत का भेद है उसे परमाणु कहते हैं ।
• १ मिश्र स्कंध - अचित महास्कंध
खंधदुगदेहजोग्गत्तणेण वा देहवग्गणाउत्ति | सुहुमो दरगयबायरपरिणामो मौसयक्बंधो ॥
४८७
पंच० गा ७७
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मिश्र स्कंध और अचित्त महास्कंध की मूर्ति की योग्यता के सम्मुख होने सेशरीर वर्गणा कही जाती है । अनंतानंत परमाणुओं से बना हुआ, कुछ सूक्ष्म परिणाम तथा कुछ बादर परिणाम के सम्मुख हुआ स्कंध -- मिश्रस्कंध कहलाता है ।
- विशेभा० गा ६४२
·२ सूक्ष्मस्कंध परिभाषा - अर्थ
चतुःस्पर्शादिमत्त्वे सति सूक्ष्मपरिणामपरिणतिरूपत्वं सूक्ष्म स्कंधस्य
लक्षणम् ।
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- आर्हतद सू २२९ । पृ० ६१२
चार स्पर्श आदि से युक्त - सूक्ष्म परिणाम को प्राप्त हुआ स्कन्ध- - सूक्ष्म स्कन्ध है |
३ बादर स्कंध
परिभाषा - अर्थ
अष्टस्पर्शादिमत्त्वे सति बादरपरिणामपरिणतिरूपत्वं बादरस्कंधस्य
लक्षणम् ।
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- आर्हतद ० सू २३० । पृ० ६१२
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