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पुद्गल-कोश
२९१ दो परमाणु पुद्गल एकत्र होकर जब बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक द्विप्रदेशी स्कंध होता है। उस द्विप्रदेशी स्कंध के भेद-विभाग होने से उसके एकएक परमाणु पुद्गल के दो विभाग होते हैं।
२ तीन परमाणु पुद्गलों का बंधन तथा भेदन
(क) तिन्नि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति, साहणित्ता किं भवइ ? गोयमा! तिपएसिए खंधे भवइ। से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाण एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणे तिणि परमाणुपोग्गला भवंति।
-~-भग० श १२ । उ ४ । सू २ । सू० ६५४ तीन परमाणु पुद्गल जब एकत्र होकर बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक तीन प्रदेशी स्कंध होता है। यदि उस तीन प्रदेशी स्कंध के भेद-विभाग होते हैं तो उनके दो या तीन विभाग होते हैं। यदि दो विभाग हो तो एक विभाग में एक परमाणु पुद्गल और दूसते विभाग में एक द्विप्रदेशी स्कंध होगा। यदि तीन विभाग हो तो तीन परमाणु पुद्गल पृथक्-पृथक् रहेंगे। '३ चार परमाणु पुद्गलों का बंधन तथा भेदन
(क) चत्तारि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नति ? जाव पुच्छा। गोयमा ! चउपएसिए खंधे भवइ । से भिज्जमाणे दुहा वि तिहा वि चउहा वि कज्जइ। दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा दो दुपएसिया खंधा भवति । तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ। चउहा कज्जमाणे चत्तारि परमाणुपोग्गला भवंति ।
-भग० श १२ । उ ४ । सू ३ । पृ. ६५४ चार परमाणु पुद्गल जब एकत्र होकर बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक चतुष्प्रदेशी स्कंध होता है और यदि इस चतुष्प्रदेशी स्कंध का भेद-विभाग होता है तो उसके दो, तीन अथवा चार विभाग होते हैं ।
(१) यदि दो विभाग हों तो एक परमाणु पुद्गल का विभाग और दूसरा एक तीन प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा अथवा दो प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे।
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