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पुद्गल-कोश
अथवा पहला विभाग एक परमाणु पुद्गल का तथा अनंत प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे । अथवा पहला विभाग एक द्विप्रदेशी स्कंध का तथा अनंत प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे । इस प्रकार यावत् पहला विभाग एक दस प्रदेशी स्कंध का तथा अनंत प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे । अथवा पहला विभाग एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का तथा अनंत प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होगे । अथवा पहला विभाग एक असंख्यात प्रदेशी स्कंध का तथा अनंत प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे । अथवा अनंत प्रदेशी स्कंधों के तीन विभाग होंगे ।
३१२
यदि चार विभाग हों तो पहला- दूसरा तीसरा विभाग एक-एक परमाणु पुद्गल का होगा और चौथा विभाग अनंत प्रदेशी स्कंध का होगा ।
इस प्रकार क्रमानुसार चार संयोगी से लेकर संख्यात संयोगी तक कथन करना चाहिए। जैसा असंख्यात प्रदेशी स्कंध का कथन किया गया है वैसा ही इन सबका कथन करना चाहिए परन्तु यहाँ एक 'अनंत' शब्द अधिक कहना चाहिए। यावत् अथवा संख्यात प्रदेशी स्कंधों के संख्यात विभाग होंगे और अनंत प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होंगे । अथवा असख्यात प्रदेशी स्कंधों के संख्यात विभाग होगे और अनंत प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होंगे ।
अथवा अनंत प्रदेशी स्कंधों के संख्यात विभाग होंगे ।
यदि असंख्यात विभाग हों तो परमाणु पुद्गल के पृथक्-पृथक् असंख्यात विभाग होंगे और एक अनंत प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा अथवा द्विप्रदेशी स्कंध के पृथग्पृथग् असंख्यात विभाग होंगे और एक अनंत प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा । यावत् अथवा संख्यातप्रदेशी स्कंधों के असंख्यात विभाग होंगे और एक अनंत प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा । अथवा असंख्यात प्रदेशी स्कंधों के असंख्यात विभाग होंगे और एक अनंत प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा । अथवा असंख्यात अनंत प्रदेशी स्कंध होंगे ।
अथवा परमाणु पुद्गल के पृथग्- पृथग् अनंत विभाग होंगे । ३२.५ क्रिया
२ सकंपता - निष्कंपता
( पाठ के लिए देखो क्रमांक २१ )
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परमाणु पुद्गल का देश रूप से कंपन नहीं होता है, यदि कंपन होता है तो सर्वांश रूप से कंपन होता है । यदि निष्कंप होता है तो सर्वांश रूप से निष्कंप होता है ।
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