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पुद्गल-कोश
(१) जब द्विप्रदेशी स्कंध, आकाश के दो प्रदेशों पर स्थित होता है तब द्विप्रदेशी स्कंध परमाणु पुद्गल के सर्वात्म को अपने एक देश द्वारा स्पर्श करता है ।
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(२) जब द्विप्रदेशी स्कंध परिणाम की सूक्ष्मता से आकाश के एक प्रदेश पर स्थित होता है तब द्विप्रदेशी स्कंध पुद्गल सर्वात्म द्वारा परमाणू पुद्गल के सर्वात्म को स्पर्श करता है ।
तीन प्रदेशी स्कंध पुद्गल परमाणु पुद्गल को तीसरे, छट्ट े तथा नववें विकल्प से स्पर्श करता है । तीन प्रदेशी स्कंध जब परमाणु पुद्गल को स्पर्श करता है तब या तो (१) एक देश से परमाणु के सर्वात्म को या ( २ ) बहुत देशों से परमाणु के सर्वात्म को या (३) सर्व से परमाणु के सर्वात्म को स्पर्श करता है ।
(१) जब तीन प्रदेशी स्कंध, आकाश के तीन प्रदेशों पर स्थित होता है तब तीन प्रदेशी स्कंध परमाणु पुद्गल के सर्वात्म को अपने किसी एक देश द्वारा स्पर्श करता है ।
(२) जब तीन प्रदेशी स्कंध के दो प्रदेश एक आकाशप्रदेश पर स्थित हो और तीसरा एक अन्य प्रदेश पर स्थित हो तब तीन प्रदेशी स्कंध परमाणु पुद्गल के सर्वात्म को अपने बहुत देशों ( दो देशों ) द्वारा स्पर्श कर सकता है ।
(३) जब तीन प्रदेशी स्कंध परिणाम की सूक्ष्मता से आकाश के एक प्रदेश पर स्थित होता है तब तीन प्रदेशी स्कंध पुद्गल सर्वात्म द्वारा परमाणु पुद्गल के सर्वात्म को स्पर्श करता है ।
जिस प्रकार तीन प्रदेशी स्कंध द्वारा परमाणु पुद्गल को स्पर्श करने का विवेचन किया गया है उसी आधार पर चतुः प्रदेशी स्कंध, पंचप्रदेशी स्कंध यावत् दसप्रदेशी यावत् संख्यातप्रदेशी स्कंध यावत् असंख्यात प्रदेशी स्कंध यावत् अनंतप्रदेशी स्कंध द्वारा परमाणु पुद्गल को स्पर्श करने का विवेचन करना चाहिए ।
*३८ परमाणु पुद्गल और वायुकाय
परमाणुपोग्गले णं भंते ! वाउयाएणं फुडे ? वाउयाए वा परमाणुपोग्गले णं फुड ? गोयमा ! परमाणुपोग्गले वाउयाएणं फुडे, नो वाउयाए परमाणुपोग्गले णं फुडे ।
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- भग० श १५ । उ १० । सू २ । पृ० ७७८-७९
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