________________
३९२
पुद्गल-कोश
(१) कदाचित् एक देश दुर्गन्ध और एक देश सुगन्ध होती है ; (२) कदाचित् एक देश दुर्गन्ध और अनेक देश सुगन्ध होती है ; (३) कदाचित् अनेक देश दुर्गन्ध और एक देश सुगन्ध होती है ; (४) कदाचित् अनेक देश दुगन्ध तथा अनेक देश सुगन्ध होती है। इस प्रकार गंध के असंयोगी २ भंग तथा द्विकसंयोगी ४ भंग=कुल ६ भंग होते हैं।
जिस प्रकार छः प्रदेशी स्कन्ध में वर्ण का विवेचन किया गया है [ एक संयोगी ५ भग, द्विकसंयोगी ४०, त्रिकसंयोगी ८०, चतुःसंयोगी ५५, पंचसंयोगी ६ भंगसर्व मिलकर १८६ भंग ] उसी प्रकार छः प्रदेशी स्कन्ध में रस का विवेचन करना चाहिए अर्थात् छः प्रदेशी स्कन्ध में एक संयोगी ५ भंग, द्विकसंयोगी ४० भंग, त्रिक सयोगी ८० भग, चतुःसंयोगी ५५ भंग, पंचसंयोगी ६ भंग = सर्व मिल कर रस सम्बन्धी १८६ भंग होते हैं ।
जिस प्रकार चतुष्प्रदेशी स्कन्ध में स्पर्श का विवेचन किया गया है उसी प्रकार छः प्रदेशी स्कन्ध में स्पर्श का विवेचन करना चाहिए अर्थात् छः प्रदेशी स्कन्ध में द्विकसंयोगी ४, त्रिकसंयोगी १६, चतुष्संयोगी १६ भंग-सब मिलकर स्पर्श सम्बन्धी ३६ भंग होते हैं।
इस प्रकार छः प्रदेशी स्कन्ध के विषय में वर्ण के १८६; गंध के ६, रस के १८६ और स्पर्श के ३६ -ये सब मिलकर ४१४ भंग होते हैं । सात प्रदेशी स्कंध में वर्ण-गंध-रस-स्पर्श
सात प्रदेशी स्कंध में भी कदाचित् एक वर्ण, कदाचित् दो वर्ण, कदाचित् तीन वर्ण, कदाचित् चार वर्ण. कदाचित् पाँच वर्ण, कदाचित् एक गंध, कदाचित् दो गंध, कदाचित एक रस, कदाचित् दो रस, कदाचित् तीन रस, कदाचित् चार रस, कदाचित् पाँच रस, कदाचित् दो स्पर्श, कदाचित तीन स्पर्श, कदाचित् चार स्पर्श होते हैं।
१ जैसे छः प्रदेशौ स्कंध में एक वर्ण के ५ भंगों का, दो वर्ण के ४० भंगों का तथा तीन वर्ण के ८० भंगों का विवेचन किया गया है उसी प्रकार सात प्रदेशी स्कंध में एक वर्ण के पाँच भंगों का, दो वर्ण के ४० भंगों का तथा तीन वर्ण के ८० भंगों का विवेचन करना चाहिए ।
२-यदि सात प्रदेशी स्कंध में चार वर्ण हो तो -(१) कदाचित एक देश काला, एक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला वर्ण होता है। (२) कदाचित
For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org