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पुद्गल-कोश अनंत प्रदेशी बादर परिणाम वाले स्कंध के वर्ण, गंध और रस के भंग, दस प्रदेशी स्कंध के समान कहने चाहिए ।
यदि वह चार स्पर्श वाला होता है तो-(१) कदाचित् सवं कर्कश स्पर्श, सर्व गुरु, सर्व शीत और सर्व स्निग्ध होता है । (२) कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शीत
और सर्व रूक्ष होता है। (३) कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व उष्ण और सवं स्निग्ध होता है। (४) कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व उष्ण और सर्व रूक्ष होता है। (५) कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व शीत और सर्व स्निग्ध होता है। (६) कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व शीत और सर्व रूक्ष होता है। (७) कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व उष्ण और सर्व स्निग्ध होता है । (८) कदाचित सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व उष्ण और सर्व रूक्ष होता है। (९) कदाचित् सर्व मृदु, ( कोमल ), सर्व गुरु, सर्व शीत और सर्व स्निग्ध होता है। (१०) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्व शीत और सर्व स्निग्ध होता है। (११) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्व उष्ण और सर्व स्निग्ध होता है। (१२) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व गुरु. सर्व उष्ण और सर्व रूक्ष होता है। (१३) कदाचित् सर्ब मृदु, सर्व लघु, सर्व शीत और सर्व स्निग्ध होता है। (१४) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व लघु, सर्व शीत और सर्व रूक्ष होता है। (१५) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व लघु, सर्व उष्ण और सर्व स्निग्ध होता है । (१६) कदाचित् सर्व मृदु, सर्व लघु, सर्व उष्ण और सर्व रूक्ष होता है । ___ जब वह पांच स्पर्श वाला होता है तो-(१) सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शीत, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है। (२) अथवा सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शौत, एक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होता है । (३) अथवा सवं कर्कश, सर्व गुरु, सर्व शीत, अनेक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है । (४) अथवा सर्व कर्कश. सर्व गुरु, सर्व शीत अनेक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होता है । अथवा २–कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व उष्ण, एक देश स्निग्ध
और एक देश रूक्ष के पूर्ववत् चार भंग । ३– अथवा सर्व कर्कश, सर्व लघु, सर्व शीत, एक देश स्निग्ध और एक रूक्ष के चार भंग । ४-अथवा कदाचित् सर्व कर्कश सर्व लघु, सर्व उष्ण, एक देश, स्निग्ध और एक देश रूक्ष के चार भंग। इस प्रकार कर्कश के साथ सोलह भंग होते हैं । अथवा सर्व मृदु, सर्व गुरु, सर्वशीत, एक देश स्निग्ध ओर एक देश रूक्ष के पूर्ववत् चार भंग होते हैं। इस प्रकार मृदु के साथ भी कहने चाहिए। ये सोलह भंग हुए। इस प्रकार सर्व मिला कर ३२ भंग होते हैं । अथवा सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व स्निग्ध, एक देश शीत और एक देश उष्ण के सोलह भंग । अथवा सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व कक्ष, एक देश शीत और एक देश उष्ण के सोलह भंग । ये सब मिलाकर बत्तीस भग होते हैं । अथवा कदाचित् पर्व ककंश, सर्व शीत,
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