________________
३९४
पुद्गल-कोश अनेक देश पीला और अनेक देश शुक्ल वर्ण होता है। (७) कदाचित् एक देश काला, एक देश नीला, अनेक देश लाल, अनेक देश पीला तथा एक देश शुक्ल वर्ण होता है । (८) कदाचित् एक देश काला, अनेक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला और अनेक देश शुक्ल वर्ण होता है। (९) कदाचित एक देश काला, अनेक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला तथा अनेक देश शुक्ल वर्ण होता है । (१०) कदाचित् एक देश काला, अनेक देश नीला, अनेक देश लाल, अनेक देश पीला और एक देश शुक्ल वर्ण होता है। (११) कदाचित् एक देश काला, अनेक देश नीला, अनेक देश लाल एक देश पीला और एक देश शुक्ल वर्ण होता है । (१२) कदाचित् अनेक देश काला, एक देश नीला. एक देश लाल, एक देश पीला और एक देश पीला और एक देश शुक्ल वर्ण होता है । (१३) कदाचित् अनेक देश काला, एक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला और अनेक देश शुक्ल वर्ण होता है । (१४) कदाचित् अनेक देश काला, एक देश नीला, एक देश लाल, अनेक देश पीला और एक देश शुक्ल वर्ण होता है। (१५) अनेक देश काला, एक देश नीला, अनेक देश लाल, एक देश पीला, एक देश शुक्ल वर्ण होता है। (१६) कदाचित् अनेक देश काला, अनेक देश नीला, एक देश लाल, एक देश पीला और एक देश शुक्ल वर्ण होता है ।
इस प्रकार सोलह भंग होते हैं। -असंयोगी के पांच भंग, द्विकसंयोगी के ४० भंग, त्रिकसंयोगी के ८० भंग, चतुःसंयोगी के ७५ और पाँच संयोगी के १६ भंग होते हैं। ये सब मिलाकर २१६ भंग होते हैं।
जिस प्रकार चतुष्प्रदेशी स्कंध में गंध के भंगों का विवेचन किया गया है उसी प्रकार प्रकार सात प्रदेशी स्कंध में ( असंयोगी २ भंग तथा द्विकसंयोगी ४-भंगकुल मिलकर गंध सम्बन्धी ६ भंग होते हैं।) गंध के भंगों का विवेचन करना चाहिए।
जिस प्रकार सात प्रदेशी स्कंध में वर्ण की अपेक्षा (५+ ४०+ ८०+७५+ १६=२१६) २१६ भंगों का विवेचन किया गया है वैसे ही सात प्रदेशी स्कंध में रस की अपेक्षा २१६ भंगों का विवेचन करना चाहिए।
जिस प्रकार चतुष्प्रदेशी में स्कंध में स्पर्श के भंगों का विवेचन किया है उसी प्रकार सात प्रदेशी स्कंध में (द्विकसंयोगी ४, त्रिकसंयोगी १६, चतुष्संयोगी १६ भंग सब मिलकर स्पर्श सम्बन्धी ३६ भंग होते हैं।) स्पर्श के भंगों का विवेचन करना चाहिए।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org