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पुद्गल-कोश
३८७ होता है, (१३) अथवा अंश शीत, अनेक अंश उष्ण, एक अंश स्निग्ध और एक अंश रूक्ष स्पर्श होता है, (१४) अथवा अनेक अंश शीत, अनेक अंश उष्ण. एक अंश स्निग्ध और अनेक अंश रूक्ष स्पर्श होता है, (१५) अथवा-अनेक अंश शीत, अनेक अंश उष्ण, अनेक अंश स्निग्ध और एक अंश रूक्ष स्पर्श होता है, (१६) अथवा-अनेक अंश शीत, अनेक अंश उष्ण अनेक अंश स्निग्ध और अनेक अंश रूक्ष स्पर्श होता है ।
इस प्रकार चार स्पर्श के सब मिल कर १६ भंग होते हैं।
ये सब मिलकर द्विकसंयोगी ४, त्रिकसंयोगी १६ और चतुःसंयोगी १६-इस प्रकार स्पर्श सम्बन्धी ३६ भंग होते हैं ।
नोट - चतुष्प्रदेशी स्कंध में वर्ण के ९० भंग, गंध के ६ भंग, रस के ९० भंग और स्पर्श के ३६ भंग -ये सब मिलकर २२२ भंग होते हैं।
पाँच प्रदेशी स्कंध में वर्ण-गंध-रस-स्पर्श
पांच प्रदेशी स्कंध में कदाचित् एक वर्ण, कदाचित् दो वर्ण, कदाचित् तीन वर्ण, कदाचित् चार वर्ण, कदाचित् पाँच वर्ण, कदाचित् एक गंध, कदाचित् दो गंध कदाचित एक रस, कदाचित दो रस, कदाचित् तीन रस, कदाचित् चार रस, कदाचित पाँच रस, कदाचित् दो स्पर्श, कदाचित् तीन स्पर्श और कदाचित् चार स्पर्श होते हैं।
१–यदि पाँच प्रदेशी स्कंध में एक वर्ण हो तो कदाचित् कृष्णवर्ण यावत् कदाचित् शुक्ल वर्ण होता है अर्थात् कदाचित् पाँच वर्गों में से कोई एक वर्ण होता है [ ५ भंग ]
२- जैसा चार प्रदेशी स्कंध में दो वर्ण के नियम का वर्णन किया है वैसे ही पाँच प्रदेशी स्कध में दो वर्ण के नियम का वर्णन करना चाहिए। [ ४० भंग ]
३-यदि पाँच प्रदेशी स्कंध में तीन वर्ण हो तो-(१) कदाचित एक अंश काला, एक देश नीला और एक देश लाल वर्ण होता है, (२) कदाचित् एक अंश काला, एक अंश नीला और अनेक अंश लाल वर्ण होता है, (३) कदाचित् एक अंश काला, अनेक अंश नीला और एक अश लाल वर्ण होता है, (४) कदाचित् एक अंश काला, अनेक अंश नीला और अनेक अंश लाल वर्ण होता है, (५) कदाचित अनेक अंश काला, एक अंश नीला और एक अंश लाल वर्ण होता है, (६) कदाचित अनेक अंश काला, एक अंश नीला और अनेक अंश लाल वर्ण होता है, (७) कदाचित अनेक अंश काला, अनेक अंश नीला और एक अंश लाल वर्ण होता है । [ ७ भंग ]
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