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पुद्गल-कोश
दसपए सिए णं भंते ! खंधे० पुच्छा, गोयमा ! सिय एगवन्ने जहा नवपएसिए जाव सिय चउफासे पन्नत्ते, जइ एगवन्ने एगवन्नदुवन्नतिवन्नचउवन्ना जहेव नवपएसियस्स, पंचवन्नेवि तहेव नवरं बत्तीसइमो भंगो भन्न, एवमेए एक्कदुयगतियगचउक्कगपंचगसंजोए दोन्नि सत्तती सं ) सा भंगसया भवंति, गंधा जहा नवपएसियस्स, रसा जहा एयस्स चेव वन्ना, फासा जहा चउप्पएसियस्स । जहा दसपएसिओ एवं संखेज्जपएसिओ वि, एवं असं खेज्जपएसओ वि, सुहुमपरिणओ वि अनंतपएसओ वि एवं चेव ।
१ - द्विप्रएशी स्कंध में वण-गंध-रस स्पर्श
द्विप्रदेशी स्कंध में कदाचित् एक वर्ण और कदाचित् दो वर्ण; कदाचित् एक गंध और कदाचित् दो गंध; कदाचित् एक रस और कदाचित् दो रस; कदाचित् दो स्पर्श, कदाचित् तीन स्पर्श और कदाचित् चार स्पर्श ( शीत-उष्ण-स्निग्ध-रूक्ष ) होते हैं ।
यदि द्विप्रदेशी स्कंध में एक वर्ण होता है तो कदाचित् कृष्णवर्ण यावत् कदाचित् श्वेतवर्णं होता है अर्थात् कदाचित् पाँच वर्णों में से कोई एक वर्ण होता है । (१.५)
यदि द्विदेशी स्कंध दो वर्ण वाला होता है तो (१) कदाचित् काला और नीलावर्ण वाला होता है, (२) कदाचित् काला और लालवणं, (३) कदाचित् काला और पीला वर्ण, (४) कदाचित् काला और श्वेतवर्ण, (५) कदाचित् नीला और लालवर्ण, (६) कदाचित् नीला और पीला वर्ण, (७) कदाचित् नीला और श्वेत वर्ण, (८) कदाचित् लाल और पीला वणं, (९) कदाचित् लाल और श्वेत वर्ण, (१०) कदाचित् पीला और श्वेत वर्ण वाला होता है । इस प्रकार द्विक संयोगी दस भंग होते हैं ।
यदि द्विप्रदेश स्कंध में एक गंध होती है तो कदाचित् दुर्गंध और कदाचित् सुगंध होती है । (१-२)
यदि द्विप्रदेश स्कंध दो गंध वाला होता है तो दुर्गंध और सुगंध वाला होता है । (१)
यदि द्विदेशी स्कंध में एक रस होता है तो - कदाचित् तिक्तरस यावत् कदाचित् मधुररस होता है अर्थात् कदाचित् पाँच रसों में से कोई एक रस होता है ।
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