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पुद्गल - कोश
३११
एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए० एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए० एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ संखेज्जपएसिए० खंधे एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ असंखेज्जपएसिए बंधे एगयओ दो अनंतपएसिया खंधा भवंति अहवा तिन्नि अणतपएसिया बंधा भवंति चउहा कज्जमाणे एगयओ तिनि परमाणुपोग्ला एगयओ अनंतपएसिए खंधे भवइ एवं चउक्कसंजोगो नाव असं खेज्जगसंजोगो, एए सव्वे जहेव असंखेज्जाणं भणिया तहेव अणंताणवि भाणियव्वं नवरं एक्कं अनंतगं अब्भहियं भाणियव्वं जाव अहवा एगयओ संखेज्जा संखेज्जपएसिया बंधा एगयओ अणतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ संखेज्जा असं खेज्जपएसिया खंधा एगयओ अनंतपएसिए बंधे भवइ अहवा संखेज्जा अणतपएसिया बंधा भवंति, असंखेज्जहा कज्जमाणे एगयओ असं खेज्जा परमाणुपोग्गला एगयओ अनंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ असंखेज्जा दुपएसिया बंधा एगयओ अनंतपएसिए बंधे भवइ जाव अहवा एगयओ असंखेज्जा संखेज्जपएसिया खंधा एगयओ अनंतपएसिए बंधे भवइ अहवा एगयओ असंखेज्जा असं खेज्जपएसिया खंधा, एगयओ अनंतपएसिए खंधे भवइ अहवा असं खेज्जा अनंतपएसिया खंधा भवंति, अनंतहा कज्ज्रमाणे अनंता परमाणुपोग्गला भवंति ।
- भग० श १२ । ४ । सू १२ | पृ० ६५९-६०
अनंत परमाणुपुद्गल जब एकत्र होकर बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक अनंतप्रदेशी स्कंध होता है और यदि इस अनंतप्रदेशी स्कंध का भेद विभाग हों तो दो, तीन यावत् दस विभाग, संख्यात, असंख्यात अथवा अनंत विभाग होंगे ।
यदि दो विभाग हों तो एक परमाणुपुद्गल का विभाग और एक अनंत प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा । यावत् अथवा अनंतप्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे ।
यदि तीन विभाग हों तो पहला- दूसरा विभाग एक-एक परमाणुपुद्गल का होगा और तीसरा विभाग अनंतप्रदेशी स्कंध का होगा । अथवा पहला विभाग एक परमाणुपुद्गल का विभाग, दूसरा विभाग एक द्विप्रदेशी स्कंध का तथा तीसरा विभाग अनंतप्रदेशी स्कंध का होगा । यावत् अथवा एक परमाणुपुद्गल का विभाग, दूसरा एक असंख्यात प्रदेशी स्कंध का तथा तीसरा एक अनंतप्रदेशी स्कंध का होगा ।
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