________________
पुद्गल-कोश
२३९ जिस प्रकार द्विप्रदेशी स्कंध द्वारा त्रिप्रदेशी स्कंध को स्पर्श करने को कहा है उसी प्रकार द्विप्रदेशी स्कंध द्वारा यावत् (चतुःप्रदेशी स्कंध यावत् दस प्रदेशी स्कंध यावत् संख्यातप्रदेशी स्कंध यावत् असंख्यातप्रदेशी स्कंध ) अनंतप्रदेशी स्कंध को स्पर्श करने का कहना चाहिए।
तीन प्रदेशी स्कंध परमाणुपुद्गल को तीसरे, छठ्ठ तथा नववे विकल्प से स्पर्श करता है।
तीन प्रदेशी स्कंध द्विप्रदेशी स्कंध को पहले, तीसरे, चौथे, छ8 सातवें तथा नववें विकल्प से स्पर्श करता है ।
तीन प्रदेशी स्कंध तीन प्रदेशी स्कंध को नवों ही भंगों से स्पर्श करता है ।
जिस प्रकार तीन प्रदेशी स्कंध द्वारा तीन प्रदेशी स्कंध की स्पर्शना कही गई है उसी प्रकार तीन प्रदेशी स्कंध द्वारा यावत् ( चतुःप्रदेशी स्कंध यावत् संख्यातप्रदेशी स्कंध यावत् असंख्यातप्रदेशी स्कंध ) अनंतप्रदेशी स्कंध को स्पर्शना कहनी चाहिए।
जिस प्रकार तीन प्रदेशी स्कंध द्वारा परमाणुपुद्गल, द्विप्रदेशी स्कंध यावत् दस प्रदेशी स्कंध यावत् संख्यातप्रदेशी स्कंध यावत् असंख्यातप्रदेशी स्कंध यावत् अनंतप्रदेशी स्कंध की स्पर्शना कही गई है उसी प्रकार चतुःप्रदेशी स्कंध यावत् अनंतप्रदेवी स्कंध द्वारा परमाणुपुद्गल, द्विप्रदेशी स्कंध यावत् दसप्रदेशी स्कंध यावत् संख्यातप्रदेशी स्कंध यावत् असंख्यातप्रदेशी स्कंध यावत् अनंतप्रदेशी स्कंध की स्पर्शना कहनी चाहिए।
(टीकार्थ)-जब एक परमाणु पुद्गल, एक परमाणु पुद्गल को स्पर्श करता है तब सर्व से सवं को स्पर्श करता है, केवल एक नववां विकल्प ही पाया जाता हैपरन्तु दूसरे विकल्प परमाणु पुद्गल में घटित नहीं होते हैं क्योंकि परमाणु निरंशअंश रहित होता है। __ प्रश्न उठता है कि 'परमाणु' सर्व से सर्व को स्पर्श करता है, यह विकल्प स्वीकार करने पर दो परमाणुओं की एकता हो जायगी। ऐसा होने पर भिन्न-भिन्न परमाणुओं के योग से जो घट भादि स्कंध बनते हैं-'यह बात कैसे घटित होगी।'
इसका समाधान इस प्रकार है-'सर्व से सर्व को स्पर्श करता है'-इस विकल्प का यह अर्थ नहीं है कि दो परमाणु परस्पर मिलकर एक हो जाते हैं, किन्तु इसका अर्थ यह है कि दो परमाणु परस्पर एक दूसरे का स्पर्श-समस्त स्वात्मा द्वारा करते हैं। क्योंकि परमाणुओं में 'अद्धं-आधा' आदि विभाग नहीं होते हैं। इसलिए दो
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org