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पुद्गल-कोश ४-सूक्ष्म-बादर-नेत्र को छोड़कर चार इन्द्रियों के विषयभूत पुद्गल स्कन्ध को ( Ultravisi Ble But Intrasensual Matters ) सूक्ष्म-बादर कहते हैं। जैसे स्पर्श, रस, गंध, वर्ण, शब्द आदि सूक्ष्म-बादर है ।
५-सूक्ष्म-उन सूक्ष्म पुद्गल स्कंधों को जो अतीन्द्रिय (Vetravisible Matters) है उन्हें सूक्ष्म कहते हैं -जैसे कर्म-वर्गणा आदि सूक्ष्म है।
६-सूक्ष्म-सूक्ष्म-सूक्ष्मात् सूक्ष्म परमाणु (Ultimate atom) को सूक्ष्म-सूक्ष्म कहा गया है। अत्यन्त सूक्ष्म है। कर्म वर्गणा से भी नीचे द्विअणु स्कंध पर्यन्त सूक्ष्म-सूक्ष्म है । क्योंकि प्रथमतः यह अत्यन्त सूक्ष्म है-इससे सूक्ष्म और कोई पुद्गल नहीं है।
.२६ पुद्गल स्पर्श-रस-गंध-वर्णवाला है। स्पर्शादयः परमाणुषु स्कन्धषु च परिणामजा एवं भवन्ति ।
-तत्त्व. अ५ । सू २४ का भाष्य
स्पर्शादि का परिणमन-परमाणु व स्कंध पुद्गलों में होता है । परिप्राप्त बन्धपरिणामाः स्कन्धा ।
-~-तत्त्व० अ ५। सू २५
परमाणु पुद्गलों के एकीभाव रूप का नाम स्कन्ध है । '२७ पुद्गल स्कन्ध कितने परमाणु के बने हुए होते हैं।
संखेज्जासंखेज्जाणता वा होति पोग्गलपदेसा। लोगागासेव ठिदी एगपदेसो अणुस्स हवे॥
-गोजी• गा ५८५
संख्यात या असंख्यात या अनन्त परमाणुओं से बने हुए स्कन्ध होते हैं । परमाणु एक प्रदेशी होता है । लोकाकाश में ही यह स्थिति हैं। एगत्तेण पहुत्तेण, खंधा य परमाणु य ।
-उत्त० अ ३६ । गा ११
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