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पुद्गल-कोश •२५ पुद्गल के भेद और उनके उदाहरण .१ अणुतथा स्कंध (पुद्गलाः ) अणवः स्कन्धाश्च ।
-तत्त्व० अ ५ । सू २५ । पृ. २७४ पुद्गल के दो भेद होते हैं, यथा- अणु और स्कन्ध । •२ अनन्त भेदा अपि पुद्गला अणुजात्या स्कंधजात्या च ।
-सर्वसि० अ ५। सू २५ x x x तवाणवोऽबद्धाः, स्कंधास्तु बद्धाएवेति ।
-तत्त्वभा० अ ५ । सू २५ पर भाष्य परमाणु अबद्ध होते हैं अर्थात् वे परस्पर में असंश्लिष्ट होते हैं तथा स्कंध बद्ध होते हैं अर्थात् जब उन परमाणुओं का संश्लेष होकर संघात बन जाता है तब उसको स्कंध कहते हैं। .३ अणुखंधवियप्पेण दु, पोग्गलदव्वं हवेइ दुवियप्प । खंधा हु छप्पयारा, परमाणू चेव दुवियप्यो॥
-निय० अ २ । गा २० पुद्गल द्रव्य के दो प्रकार है-परमाणु पुद् गल और स्कंध पुवगल । स्कंधपुद्गल के छः प्रकार हैं। परमाणु दो प्रकार के हैं—कारण परमाणु और कार्य परमाणु।
•४ राज टीका-उययात्र जात्यापेक्षं बहुवचनं--अनन्तभेद अपि पुद्गला अणुजात्या स्कन्ध जात्याxxx।
द्व विध्यमापद्यमानाः सर्वे गृहयत इति तदजात्यावानन्तभेदसंसूचनार्थ बहुवचनं क्रियन्ते।
-तत्त्वराज० अ ५ । सू २५ अर्थात् । 'अणव, स्कन्धा' इन बहुवचनात्मक शब्दों का व्यवहार जाति अपेक्षा से किया गया है। अणुजातियों और स्कंध जातियों की अपेक्षा अनंत भेद वाले होते है।
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