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पुद्गल - कोश
(छ) सिद्धा, निगोयजीवा, वणस्सई, काल, पोग्गला चेव । सब्वमलोगागासं, छप्पेesiant
नेया ॥
- प्रवसा० गा ४०४
(ज) षडनन्तक्षपनाह -
--
सिद्धा निगोयजीवा, वणस्सई काल पुग्गला सव्वमलोगनहं पुण, ति वग्गिउं केवल दुगम्मि ॥
चेव
1
- कर्मप्र० भाग ४ | गा ८५
टीका - xxx पुद्गलाः समस्तपुद्गलराशेः परमाणवः x x × ।
पुद्गल द्रव्य संख्या में संख्यात नहीं है, असंख्यात नहीं है, अनंत है क्योंकि परमाणुपुद्गल अनंत है, द्विप्रदेशीस्कंध यावत दसप्रदेशीस्कंध अनंत है यावत् संख्यातप्रदेशी स्कंध अनंत है, यावत् असंख्यात प्रदेशी स्कंध अनंत है यावत् अनंतप्रदेशी स्कंध अनंत है अतः पुद्गल संख्या की अपेक्षा अनंत है ।
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सब जीव राशि ( जो स्वयं एक अनंत संख्या है ) का उत्तरोत्तर वर्ग करते हुए जब अनंत लोक प्रमाण वर्ग-स्थान की प्राप्ति होती है उस वर्ग प्रक्रिया से प्राप्त संख्या के ऊपर जाने से सब पुद्गल द्रव्य की संख्या की प्राप्ति होती है ।
• २ क्षेत्रावगाहित पुद्गल की अपेक्षा संख्या
(क) एगपएसोगाढा णं भंते ! पोग्गला कि संखेज्जा, असंखेज्जा, अनंता ? एवं चेव ( नो संखेज्जा, नो असंखेज्जा, अनंता ) एवं जाव असं खेज्जपएसो गाढा ।
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- भग० श २५ । उ४ । सू ३९ । पृ० ८६४ (ख) एनपएसोगाढा पोग्गला अनंता पन्नत्ता x x x । दुपएसोगाढा पोग्गला अनंता पन्नत्ता x x x । तिपएसिया बंधा अनंता पन्नत्ता, एवं जाव ( तिपएसोगाढा पोग्गला अनंता पन्नत्ता ) तिगुणलुक्खापोग्गला अनंता पन्नत्ता × × ×1
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चउपएसोगाढा पोग्गला अनंता ( पन्नत्ता ) x x x 1 पंचपएसोगाढा पोग्गला अणता पन्नत्ता x x x । छप्पएसोगाढा पोग्गला अनंता पन्नत्ता × × ×। सत्तपएसोगाढा पोग्गला x x x अनंता पन्नत्ता । अट्ठपएसो गाढा
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