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पुद्गल-कोश जिस प्रकार कर्कशस्पर्शपर्याय रूप से अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल अजघन्य-अनुत्कृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है वैसे ही मृदु-गुरु-लघु-शीत-उष्ण-स्निग्ध-रूक्ष स्पर्शपर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है।
अतः अजघन्य-अनुकृष्ट अवगाहनावाले पुद्गल में अनंतपर्याय होते हैं । १३ पुद्गल की वर्गणा .१ द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव की अपेक्षा पुद्गल वर्गणा
एगा परमाणुपोग्गलाणं वग्गणा एवं जाव एगा अगंतपएसियाणं खंधाणं वग्गणा। एगा एगपएसोगाढं पोग्गलाणं वग्गणा नाव एगा असंखेज्जपएसोगाढाणं पोग्गलाणं वग्गणा। एगा एगसमयठिइयाणं पोग्गलाणं वग्गणा जाव असंखेज्ज समय-ठिइयाणं पोग्गलाणं वग्गणा। एगा एगगुणकालगाणं पोग्गलाण वग्गणा, जाव एगा असंखेज्ज गुणकालगाणं पोग्गलाणं वग्गणा। एगा अणंतगुणकालगागं पोग्गलाणं वग्गणा। एवं वण्णा गंधा रसा फासा भाणियव्वा जाव एगा अणंतगुणलुक्खाणं पोग्गलाणं वग्गणा। एगा जहन्नपएसियाणं खंधाणं वग्गणा एगा उक्कस्सपएसियाणं खंधाणं वग्गणा एगा अजहन्नुक्कस्सपएसियाणं खंधाणं वग्णगा। एवं जहन्नोगाहणयाणं उक्कोसोगाहणगाणं अजहन्नुक्कोसोगाहणगाणं जहन्नठिइयाणं उक्कस्सठिइयाणं अजहन्नुक्कोस ठिइयाणं जहन गुणकालगाणं उक्कस्सगुणकालगाणं अजहन्नुक्कस्सगुणकालगाण एवं वण्णगंधरसफासाणं वग्गणा भाणियव्वा, जाव एगा अजहन्नुक्कस्सगुणलुक्खाण पोग्गलाणं वग्गणा।
-ठाण० स्था १ । सू ५१ । पृ. १८५ टोका वर्गणा वर्गः समुदाय xxx। सजातीयवस्तुसमुदायो वर्गणा समूहो, वर्ग, राशिः इति पर्यायाः
-विशेभा० गा ६३५ । टीका सामान्यतः समान गुण व जाति वाले या अन्य समानता वाले समुदाय को वर्गणा कहते हैं। समूह, वर्ग, राशि वर्गणा के पर्यायवाची शब्द हैं।
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