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पुद्गल-कोश
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जो स्पर्श किया जाता है उसे स्पर्श कहते हैं-यथा-कर्कशादि । जिसके द्वारा स्पर्श किया जाय उसे स्पर्श कहते है-यथा त्वक इद्रिय। इन दोनों स्पर्शों का स्पर्श-स्पर्शस्पर्श कहा जाता है। वह स्पर्शस्पर्श आठ प्रकार का होता है-यथा(१) कर्कशस्पर्श, (२) मृदुस्पर्श, (३) गुरुस्पर्श, (४) लघुस्पर्श, (५) स्निग्धस्पर्श, (६) रूक्षस्पर्श, (७) शीतस्पर्श तथा (6) उष्णस्पर्श ।
१२.०८ १२ औपनिधिका द्रव्यानुपूर्वी
से कि तं ओवणिहिया दवाणुपुवी? दवाणुपुवी तिविहा पन्नत्ता, तंजहा-पुन्वाणुपुवी ? पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुत्वी ३ य ।
से कि तं पुव्वाणुपुत्वी ? पुन्वाणुपुची–धम्मत्थिकाए । अधम्मत्थिकाए २ आगासत्थिकाए ३ जीवत्थिकाए ४ पोग्गलत्थिकाए ५ अद्धासमए ६ । से तं पुव्वाणुपुव्वी।
से कि तं पच्छाणुपुव्वी ? पच्छाणुपुवी-अद्धासमए ६ पोग्गलत्थिकाए ५ जीवस्थिकाए ४ आगासस्थिकाए ३ अधम्मस्थिकाए २ धम्मस्थिकाए । से तं पच्छाणुपुवी।
से कि तं अणाणुपुव्वौ ? अणाणुपुत्वी एयाए चेव एगादियाए एगुतरियाए छगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूषणो। से तं अणाणुपुवी।
अहवा ओवणिहिया दव्वाणुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तंजहा–पुव्वाणुपुवी १ पच्छाणुपुव्वी २ अणाणुपुव्वी ३ । __ से कि तं पुव्वाणुपुवी ? पुव्वाणुपुव्वी परमाणुपोग्गले दुपएसिए तिपएसिए जाव दसपएसिए जाव संखिज्जपएसिए असंखिज्जपएसिए अणंतपएसिए। से तं पुव्वाणुपुवी।
से कि तं पच्छाणुपुवी ? पच्छाणुपुवी-अणंतपएसिए असंखिज्जपएसिए संखिज्जपएसिए जाव दसपएसिए जाव तिपएसिए दुपएसिए परमाणुपोग्गले । ते तं पच्छाणुपुन्वी।
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