________________
पुद्गल-कोश
१९१
जघन्य गुण कृष्णवर्णव'ले पुद्गल जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से प्रदेश रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है । यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल जधन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से अवगाहन रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो चतुःस्थान न्यून है । यदि अधिक है तो चतुःस्थान अधिक है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से स्थिति रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो चतुःस्थान न्यून है । यदि अधिक है तो चतुःस्थान अधिक है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से कृष्णवर्ण पर्याय रूप से तुल्य है ।
जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से नीलवर्ण पर्याय रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है । यदि न्यून है तो षट्स्थान न्यून है । यदि अधिक है तो षट्स्थान अधिक है ।
जिस प्रकार नीलवर्ण पर्याय से जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है । वैसे ही रक्त-पीत-शुवलवर्ण पर्याय रूप से जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से षट्स्थान न्यूनाअधिक है अथवा तुल्य है ।
इसी प्रकार सुगन्ध - दुर्गन्ध पर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है ।
इसी प्रकार तिक्त-कटु- कषाय- आम्ल- मधुररस पर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है |
इसी प्रकार कर्कश - मृदु-गुरु- लघु-शीत-उष्ण-स्निग्ध-रूक्ष पर्याय रूप से षट्स्थान न्यूनाधिक है अथवा तुल्य है ।
अतः जघन्य गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गलों में अनंत पर्याय होते हैं ।
उत्कृष्ट गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गलों में अनंत पर्याय होते हैं । उत्कृष्ट गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल उत्कृष्ट गुण कृष्णवर्णवाले पुद्गल से द्रव्य रूप से तुल्य है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org