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૧૨–સુપ્રસિદ્ધ લેખક અને વિચારક શ્રી યશપાલ જૈન દિલ્લી તરફથી.
मुझे यह जानकर बड़ा हर्ष हुआ कि अहिंसा तथा प्रेम के संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित करने के लिए भगवान महावीर के बहुमूल्य उपदेशों का एक संग्रह प्रकाशित हो रहा है । मैं इस दूरदर्शितापूर्ण तथा उपयोगी काय का अभिनंदन करता हूं और उसकी योजना के लिये संयोजकों को बधाई देता हूं। ____ भगवान महावीर के सिद्धान्तों की कल्याणकारिता स्वयंसिद्ध है । आज संसार बड़ी विषम परिस्थिति से गुजर रहा है । वह सुख चाहता है, पर काम दुख के करता है । वह शान्ति चाहता है, पर बीज अशान्ति के बोता है । आणविक अस्त्रों का निर्माण करके आज उसने चारों
और शीत युद्ध की स्थिति उत्पन्न कर दी है । हिंसा की काली घटाएं हर समय आकाश में मंडराती रहती हैं । समूची मानवजाति आज त्रस्त है । शान्ति और बंधुत्व की बात होती है, पर लोगों का आचरण उनके विपरीत होता है।
ऐसे समय में भगवान महावीर के सिद्धान्तों के प्रसार की आवश्यकता के विषयमें दो मत नहीं हो सकते । वस्तुतः उनकी शिक्षाएं केवल जैन समाज के लिए ही कल्याणकारी नहीं हैं, अपि तु सारी मानव-जाति के लिए हितकारी हैं । यदि संसार को वास्तविक सुख और स्थायी शांति चाहिए तो भगवान महावीर ने उसका मार्ग बता