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अयथा
अरथी लिए उद्योग करने की आवश्यकता न हो। ~कृत (वि०) जो | अयुगल-सं० (वि०) 1 अलग 2 अकेला 3 विषम बिना प्रयत्न किये हो, आसानी से हो जाये; ज (वि०) बिना अयुग्म-सं० (वि०) 1 अकेला 2 विषम, ताक उद्योग किये उत्पन्न होनेवाला; ~लभ्य (वि०) बिना उद्योग के अयुत-I सं० (पु०) 10 हजार की संख्या II (वि०) 1 पृथक् प्राप्त होनेवाला; ~साधित (वि०) बिना प्राप्त प्रयत्न के जो ___ 2 अक्षुब्ध साध लिया जाए
अयुध-सं० (पु०) वह जो न लड़े, आयुध अयथा-I सं० (क्रि० वि०) 1 जैसे होना चाहिये वैसा नहीं अयुध्य-सं० (वि०) अजेय 2 मिथ्या 2 अनुचित या ग़लत II (पु०) अनुचित कार्य। अयोग-I सं० (पु०) 1 बिलगाव 2 अयुक्तता 3 अप्राप्ति तथ (वि०) अयथार्थ -पूर्व (वि०) पहले जैसा नहीं; 4 अक्षमता 5 संकट 6 कुयोग II (वि०) 1 असंबद्ध
वृत्त (वि०) ग़लत ढंग से कार्य करनेवाला; स्थित 2 जोरदार कोशिश करनेवाला। ~वाह (पु०) स्वर-व्यंजन से (वि०) अव्यवस्थित
अलग वर्ण अयथार्थ-सं० (वि०) झूठ, ग़लत। ता (स्त्री०) यथार्थ न अयोगात्मक-सं० (वि०) (भाषा) जिसमें विभक्तियां न हों होने का भाव
अयोग्य-सं० (वि०) 1 योग्यताहीन, नाकाबिल 2 निकम्मा अयथावत्-सं० (क्रि० वि०) ग़लत तरीके से
3 अनधिकारी 4 नामुनासिब अयथेष्ट-सं० (वि०) 1 इच्छानुरूप नहीं 2 अनिच्छित | अयोनि-[ सं० (वि०) 1 अजन्मा 2 नित्य 3 कोख से उत्पन्न 3 अपर्याप्त
नहीं II (पु०) 1 ब्रह्मा 2 शिव अयथोचित्-सं० (वि०) 1 अयोग्य 2 निकम्मा
अयोमार्ग-सं० (पु०) रेलमार्ग, पटरी अयन-सं० (पु०) 1 चलना 2 गति का काल 3 मार्ग अयौगिक-सं० अनियमित रूप से (राशिचक्र, सूर्य) 4व्यूह में प्रवेश करने का मार्ग 5 गृह अरंड-(पु०) एरंड 6 आश्रम 7 जगह। ~काल (पु०) सूर्य के उत्तरायण या अरंडी-(स्त्री०) एरंड का तेल दक्षिणायन में रहने का समय; ~वृत्त (पु०) ग्रहण रेखा; अर-सं० (पु०) तीली
-संक्राति (स्त्री०) मकर और कर्क की संक्राति अरई-(स्त्री०) नुकीला लोहा लगी बैल को हांकने की छड़ी • अयमित-सं० (वि०) 1 अनियंत्रित 2 जो काटा छाटा न गया अरक-अ० (पु०) 1 आरागज 2 सिवार 3 सूर्य हो 3 असज्जित
अरकटी-(पु०) पतवार पर रहनेवाला माँझी अयश-सं० (पु०) 1 अपयश 2 लांछन। ~कारी (वि०) अरकसी-(स्त्री०) आलस्य, सुस्ती बदनाम करनेवाला
अरकारी-(पु०) कुलियों की भर्ती करनेवाला अयशस्कर-सं० (वि०) अपयश का कारण
अरकान-अ० (पु०) 1 प्रधान कार्यकर्ता 2 जिस पर किसी अयशस्वी-सं० जिसे यश न प्राप्त हो, बदनाम
कार्य का दारमदार हो 3 उर्द के मात्रा रूप अक्षर अयशी-सं० (वि०) यशोहीन, बदनाम
अरक्षित-सं० (वि०) जिसकी रक्षा न की जाती हो अयस्-सं० (पु०) लोहा
अरग-(पु०) अरगजा अयस्क-सं० (पु०) कच्चा लोहा
अरगजा-(पु०) एक सुंगधित लेप, उबटन अयस्कांत-सं० (पु०) चुबंक
अरगजी-I (वि०) अरगजा सा सुंगध वाला II (पु०) अयस्कीर-सं० (पु०) मुर्चा, जंग
अरगजे सा मिलता पीला रंग अयाचक-सं० (वि०) 1न मांगनेवाला 2 कामनारहित | अरगन-अ० (पु०) विलायती बाजा 3संतुष्ट
अरगनी-(स्त्री०) वस्त्र टाँगने की रस्सी, बाँस आदि अयाचित-सं० (वि.) बिन मांगा, अप्रार्थित
अरगल-सं० (पु०) ब्योढ़ा, (किवाड़ में) रोक अयाची-सं० (वि०) अयाचक
अरघा-(पु०) 1 अर्घ पात्र 2 पात्र जिसमें अर्घ रखकर दिया अयात-सं० (वि०) न गया हुआ। पूर्व (वि०) जो पहले न | जाये गया हो
अरजी-I अ० (वि०) अर्ज करनेवाला II (स्त्री०) अर्जी अयाथार्थिक-सं० (वि०) 1जो सत्य न हो 2 अनुचित
अरण्य-सं० (पु०) 1 जंगल 2 कायफल 3 संन्यासियों का एक अयान-I सं० (पु०) 1न जाना 2 स्वभाव II (वि०) पैदल
भेद। ~गान (पु०) 1 एकांत का गाना 2 बेकार का काम; अयानत-अ० (स्त्री०) सहायता
चंद्रिका (स्त्री०) ऐसी चंद्रिका (या शोभा) जिसे देखने या अयाना-(वि०) नासमझ
समझनेवाला कोई न हो; ~पंडित (पु०) वह जो वन में ही अयाल-अं० (पु०) 1 घोड़े या शेर की गर्दन के बाल अपना गुणगान कर सकें; ~पाल (पु०) वन का अधिकारी;
2 बाल-बच्चे। दार + फ़ा० (पु०) बाल-बच्चोंबाला ~रोदन (पु०) ऐसा रोना जिसपर कोई ध्यान न दें;~वास अयास्य-सं० (पु०) 1 अंगिरा ऋषि 2 प्राण वायु - (पु०) वनवास अयुक्त-सं० (वि०) 1न जोता हुआ 2 न जोड़ा हुआ अरण्यामी-सं० (स्त्री०) बहुत बड़ा वन
3 अयोग्य 4 असंबद्ध 5 अनपयुक्त 6 अन्यमनस्क 7 अनभ्यस्त अरत-सं० (वि०) 1 सुस्त 2 विरक्त 3 अनासक्त 4 असंतुष्ट अयुक्ति-सं० (स्त्री०) 1 लगाव का अभाव 2 पार्थक्य | अरति-[ सं० (स्त्री०) 1 राग का अभाव, विराग 2 असंतोष
3 अतर्क 4 अनौचित्य। ल्युक्ति जो युक्ति संगत न हो | 3सुस्ती II (वि०) 1 असंतुष्ट 2 अशांत 3 सुस्त अयुग-सं० (वि०) = अयुगल
अरथी-I (स्त्री०) टिकठी II (वि०) अर्थी