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अप्पनीसासतराए चेव अप्पिडितराए चेव अप्पमहतराए चेव अप्पज्जुइयतराए चेव ? कुंथूओ हत्थी महाकम्मतराए चैव महाकिरियतराए चैव महासवतराए चैव महाहारतराए चैव महानीहारतराए चैव महाउस्सासतराए चैव महानीसासतराए चेव महाडितराए चेव महामहतराए चैव महाज्जुइतराए चेव ।
हंता पएसी । हत्थीओ कुंथू अप्पकम्मतराए चेव कुंथूओ वा हत्थि महाकम्मतराए चेव । हत्थीओ कुंथु अप्पकिरियतराए चेव कुओ का हत्थी महाकिरियतराए चेव, हत्थीओ कुंथू अप्पसवतराए चेव, कुंथूओ वा हत्थी महासवतराए चेव, एवं आहार- नीहार - उस्सास नीसास- इड्डि-महज्जुइएहिं हत्थीओ कुंथू अप्पतराए चेव कुंथूओ वा हत्थी महातराए चेव । × × ×
अर्थात् हस्ति और कुथु ( त्रीन्द्रिय जीव ) की आत्मा एक समान है । हस्ति से कुथु अल्प कर्मवाला तथा कुंथु से हस्ति महाकर्मवाला होता है । हस्थि से कुथु अल्प क्रियावाला तथा कुथु से हस्ति महाक्रियावाला होता है । इसी प्रकार आहार- नीहार ( मूत्र - विष्टा का उत्सर्ग ) उस्सास, निःश्वास ऋद्धि, ज्योति की अपेक्षा हस्ति से कुंथु अल्पतर है तथा कुंथु से हस्ति महतर है ।
- राय० सू ७७२
नोट - अप्रत्याख्यान की अपेक्षा - अविरति की अपेक्षा हाथी - कुथु के समान क्रिया है । शुभ ध्यान मानसिक और भावात्मक पक्ष पर गहरा प्रकाश डालता है । उस समय प्रशस्त लेश्या होती है ।
जीव विज्ञान बौद्धिक ज्ञान की उपेक्षा नहीं करता पर उसके साथ-साथ ग्रथितंत्र के समुचित नियोजन के प्रयोगों को शिक्षा के साथ जोड़ता है ।
परमाणु के चार गुणों में से रंग चित्त को सबसे अधिक प्रभावित करता है । भावधारा के ( या लेश्या ) के आधार पर आभामंडल बदलता है और लेश्या ध्यान के द्वारा आभामंडल को बदलने से भावधारा भी बदल जाती है ।
सूर्य की क्रिया अवभास उद्योत, ताप और प्रकाश रूप होती है और यह क्रिया सूर्य की लेया के द्वारा जंबुद्वीप में भी होती है ।
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