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लेश्या-कोश
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:५८ २८२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से महाशुक्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में—
गमक - १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से महाशुक्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ २७°१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती हैं । ( देखो पाठ ५८ २४'२ )
-भग० श २४ । उ २४ । सू १८ । पृ० ८५०
५८२६ सहस्रारदेवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में-
·५८·२ε·१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से सहस्रार देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक - १ - ६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से सहस्रार देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ ५८ २७१) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती हैं । ( देखो पाठ ५८ २४१ )
—भग० श २४ | उ २४ । सू १८ । पृ० ८५०
*५८२६२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञो मनुष्य योनि से सहस्रार देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में—
गमक- १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सहस्रार देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ २७१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं । ( देखो पाठ ५८ २४'२ )
-भग० श २४ । उ २४ । सू १८ । पृ० ८५०
*५८ ३० आनत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में— *५८३०१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आनत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक-१-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आनत देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( पज्जत्तसंखेज्जवासाज्यसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए आणयदेवेसु उववज्जित्तए० ? मणुस्साण य वक्तव्वया जहेव सहस्सारेसु उववज्जमाणाणं । Xxx सेसं तहेव जाव - अणुबंधो । xxx एवं सेसा वि अट्ठ गमगा भाणियव्वा
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