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लेश्या - कोश
दिगम्बर पुराणों, ग्रन्थों तथा संस्कृत, प्राकृत तथा अपभ्रंश में लिखे गये महावीर चरित्रों आदि का सहारा लिया गया है ।
यह ग्रन्थ जैनागम तथा आगमेतर साहित्य पर शोध कर रहे छात्रों के लिए विशेष उपयोगी होगा ।
ग्रन्थ स्पष्ट छपाई तथा आकर्षक साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत है । इस कोष की यह विशेषता है कि श्वेताम्बर और दिगम्बर की कुछ मान्यताओं को अलगअलग तालिका बनाकर दिखाया गया है । सम्पादकों का यह अभिनन्दनीय प्रयास है । प्रस्तावित तीन खण्डों में से यह प्रथम खण्ड है ।
भगवान महावीर के जीवन सम्बन्धी समस्त पहलूओं के अवतरणों का संग्रह करने में विद्वान् सम्पादकों ने बड़े ही धैर्य पूर्वक श्रुत समुद्र का अवगाहन कर बहुत ही महत्वपूर्ण भगीरथ प्रयत्न किया है ।
इसमें श्वेताम्बर दिगम्बर और कुछ जैनेतर ग्रन्थों का परिशीलन किया गया है । सभी विषय सूची से यह स्पष्ट होता है कि भगवान महावीर स्वामी के शोधपूर्ण जीवन संकलन में तथ्यों को प्रकाशन में लाने के लिए यह ग्रन्थ बहुत ही मूल्यवाद सिद्ध होगा ।
सम्पादक का इसमें गहन अध्ययन और अथक श्रम इस ग्रन्थ में प्रतिबिम्बित हुआ है ।
महाश्रमण भगवान महावीर पर अब तक अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं पर प्रस्तुत ग्रन्थ का अपना विशेष महत्व है । अपने विषय पर यह ग्रन्थ प्रथम एवं अति सफल प्रयास है ।
भगवान महावीर के सम्बन्ध में लिखने वालों को इस कोष से बहुत सहयोग प्राप्त हो सकता है । सम्पादक एवं प्रकाशक को इस महत्वपूर्ण कोश ग्रन्थ के
लिए बधाई |
समीक्षा कृति जैन विद्या के क्षेत्र में एक अनिवार्य, अपूर्व बहुमूल्य संदर्भ ग्रन्थ है । जैन दर्शन समिति कलकत्ता ने इससे पूर्व लेश्याकोश और क्रिया कोश जैसे बहुमूल्य कोश भी क्रमशः १६६६ और १६६६ में प्रकाशित किये हैं । आलोच्य कोश समिति का तीसरा प्रकाशन है ।
प्रस्तुत कोश में वर्धमान के च्यवन से परिनिर्वाण तक के सारे प्रसंगों का विस्तृत विवेचन किया गया है ।
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