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लेश्या - कोश
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editor has ransacked both the Swetambara and Digambara sourcebooks, this volume is free from all sorts of parochial outlook. I hope, this book must be in the library of every learned scholar.
-Dr. Satyaranjan Banerjee
यह सब आपके परिश्रम का परिणाम है । विवरण दिया है । मैं आपको धन्यवाद देता हूँ ।
वर्धमान जीवन कोश खण्ड १, २, ३ यह ग्रन्थ महत्वपूर्ण ग्रन्थ है ।
आपका यह बहु उपयोगी प्रकाशन है ।
हर पुस्तक का अलग-अलग
- जबरमल भण्डारी
५ अगस्त १६६२
- गोकलप्रसाद जैन भारतीय ज्ञानपीठ
- बालाजी गणोदकर
कोबा
पूर्वार्ध के दोनों खण्डों के टाइप भी इतने सुघड़ मनोरंजन नहीं है । तृतीय खण्डों को देखकर पूरा संतोष होता है । सामग्री का चयन तीनों खण्डों का उत्तम है ।
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गेटप भी तृतीय खण्ड पीछले दोनों खण्डों से बहुत सुन्दर है । श्रीचंदजी ने इस कार्य में भगीरथ प्रयत्न किया है ।
- जिनेश मुनि
इसमें वर्धमान तीर्थङ्कर के च्यवन से परिनिर्वाण तक का बड़े तलस्पर्शी ढंग से संकलन हुआ है । कोश बड़ा रोचक बन पड़ा है ।
- चन्द्रशेखर सागर सूरि
प्रस्तुत ग्रन्थ जैनागमों व ग्रन्थों के मंथन द्वारा संकलित भगवान महावीर के जीवन सामग्री का सानुवाद संग्रह करने का भागीरथ प्रयत्न है । जैन धर्म से सम्बन्धित शोध कार्य करने वालों के लिए यह बहुत ही सहायक और वर्षों से निष्ठा पूर्वक किये गये परिश्रम का सुखद परिणाम है ।
सम्पादक महोदय ने
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