Book Title: Leshya kosha Part 2
Author(s): Mohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
Publisher: Jain Darshan Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 705
________________ लेश्या-कोश प्रस्तुत ग्रन्थ में चौबीसवें तीर्थङ्कर भगवान महावीर के जीवन से सम्बन्धित च्यवन से परिनिर्वाण तक की शास्त्रीय सामग्री संकलित की गई है । इस सामग्री चयन के लिए मूल श्वेताम्बर जैन आगमों उनकी टीकाओं, नियुक्ति, भाष्य, चुणि, कसाय पाहुड़ और अन्य दिगम्बर पुराणों, ग्रन्थों तथा संस्कृत, प्राकृत तथा अपश में लिखे गये महावीर चरित्रों आदि सहारा लिया गया है। यह ग्रन्थ जैन आगम तथा आगमेतर साहित्य पर शोध कर रहे छात्रों के लिए विशेष उपयोगी होगा। ग्रन्थ स्पष्ट छपाई एवं आकर्षक साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत है। -श्रमण, जुलाई १९८१ जैसा कि नाम से स्पष्ट है, प्रस्तुत पुस्तक में भगवान महावीर के जीवन से संबंधित सामग्नी एकत्र की गई है। आगमों में जो सामग्री उपलब्ध होती है, वह तो ली ही गई है, साथ ही आगमों की टीकाओं-नियुक्ति, भाष्य, चूणि, संस्कृत टीका का भी उपयोग किया गया है। दिगम्बर मौलिक ग्रन्थों कसाय पाहुड़ आदि के अनुशीलन का लाभ भी पाठकों को दिया गया है। श्वेताम्बर तथा दिगम्बर पुराणों और आचार्यों द्वारा लिखित संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश भाषा में लिखे गये भगवान महावीर के चर्चित ग्रन्थों की सामग्री का भी इसमें समावेश किया गया है। यद्यपि इसमें कुछ सामग्री छूट गई है। जिसका प्रकाशन इस भाषा के अन्य ग्रन्थों में किया गया है। तथापि हम कह सकते हैं कि भगवान महावीर के जीवन से सम्बन्धित यह विश्वकोश है ।। भगवान महावीर के जीवन और सिद्धातों के विषय में विपुल साहित्य की रचना हुई है किन्तु यह इतना फैला हुआ है कि शोधकर्ताओं की उसकी पूरी जानकारी प्राप्त करने में बड़ी कठिनाई होती है । आलोच्य कोश ने इस कठिनाई को बहुत कुछ अंशों में दूर कर दिया। खेद है कि सम्पादक द्वय में से स्व० मोहनलाल बांठिया अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी दूरदर्शिता, सुझ-बुझ तथा परिश्रमशीलता ने यह तथा अन्य कोश अद्भुत नमूने है। इनके पीछे सम्पादकों का गहन अध्ययन, यथा चिन्तन साफ दिखाई देता है। __ ऐसे ग्रन्थों की उपयोगिता सामान्य पाठकों के लिए भले ही न हो, किन्तु इससे तनिक भी संदेह नहीं है कि भगवान महावीर के जीवन तथा उनके Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740