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लेश्या-कोश
× × × एवं जाव - अच्चुयदेवा XXX ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं । ( देखो पाठ ५८ २ε२ )
—– भग० श २४ | उ २४ । सू २० । पृ० ८५०
*५८३१ प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
*५८*३१*१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में-
गमक- १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ ३०१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं ।
— भग० श २४ । उ २४ । सू २० । पृ० ८५०
*५८३२ आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में—
'५८३२१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में—
गमक- १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ ३०१ ) उनमे नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं ।
- भग० श २४ । उ २४ । सू २० । पृ० ८५०
*५८३३ अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में—
*५८ ३३१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में—
गमक- १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८३०१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं ।
— भग० श २४ । उ २४ । सू २० । पृ० ८५०
*५८३४ ग्रवेयक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
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*५८ ३४१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से नौवेयक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में—
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