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लेश्या-कोश
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जहाँ नारकियों में २७ भंग-क्रोध, मान, माया, लोभ-इस क्रम से कहे गये हैं वहाँ देवों में उल्ट कहना चाहिए, अर्थात् लोभ, माया, मान, क्रोध इस रीति से कहना चाहिए।
जिन-जिन स्थानों वाले नारकी जीव शाश्वत मिलते हैं उनमें २७ भंग होते हैं।
तेजोलेशी पृथ्वीकायिक में, तेजोलेशी अपकायिक में तथा तेजोलेशी वनस्पतिकायिक में चार कषायोपयोग के एकवचन तथा बहुवचन की अपेक्षा से क्रोधोपयोग आदि के निम्नलिखित अस्सी विकल्प-भंग होते हैं ( देखो '७३.२ )
असंयोगी ८ भंग
(१) एक क्रोधोपयोगवाला, (२) एक मानोपयोगवाला, (३) एक मायोपयोगवाला, (४) एक लोभोपयोगवाला, (५) बहुत क्रोधोपयोगवाले, (६) बहुत मानोपयोगवाले, (७) बहुत मायोपयोगवाले, (८) बहुत लोभोपयोगवाले । द्विक संयोगी २४ भंग
(१) एक क्रोधोपयोगवाला, और एक मानोपयोगवाला, (२) एक क्रोधोपयोगवाला, और बहुत मानोपयोगवाले, (३) बहुत क्रोधोपयोगवाले, और एक मानोपयोगवाला, (४) बहुत क्रोधोपयोगवाले, और बहुत मानोपयोगवाले, (५) एक क्रोधोपयोगवाला, और एक मायोपयोगवाला, (६) एक क्रोधोपयोगवाला, और बहुत मानोपयोगवाले, (७) बहुत क्रोधोपयोगवाले, और एक मानोपयोगवाला, (८) बहुत क्रोधोपयोगवाले, और बहुत मानोपयोगवाले, (९) एक क्रोधोपयोगवाला,
और एक लोभोपयोगवाला, (१०) एक क्रोधोपयोगवाला, और बहुत लोभोपयोगवाले, (११) बहुत क्रोधोपयोगवाले, और एक लोभोपयोगवाला, (१२) बहुत क्रोधोपयोगवाले, और बहुत लोभोपयोगवाले, (१३) एक मानोपयोगवाला, और एक मायोपयोगवाला, (१४) एक मानोपयोगवाला, और बहुत मायोपयोगवाले, (१५) बहुत मानोपयोगवाले, और एक मायोपयोगवाला, (१६) बहत मानोपयोगवाले, और बहुत मायोपयोगवाले, (१७) एक मानोपयोगवाला, और एक लोभोपयोगवाला, (१८) एक मानोपयोगवाला, और बहुत लोभोपयोगवाले, (१६) बहुत मानोपयोगवाला, और एक लोभोपयोगवाला, (२०) बहुत मानोपयोगवाले, और बहत लोभोपयोगवाले, (२१) एक मायोपयोगवाला, और एक लोभोपयोगवाला, (२२) एक मा योपयोगवाला, और बहुत लोभोपयोगवाले, (२३) बहत मायोपयोगवाले, और एक लोभोपयोगवाला, (२४) बहुत मायोपयोगवाले, और बहुत लोभोपयोगवाले।
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