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लेश्या-कोश से नूणं भंते ! कण्हलेस्से जाव सुक्कलेस्से भवित्ता नीललेस्सेसु नेरइएसु उववज्जति ? हंता गोयमा ! जाव उववज्जंति, से केण?णं जाव उववज्जति ? गोयमा ! लेस्सहाणेसु संकिलिस्समाणेसु वा विज्सुझमाणेसु वा नीललेस्सं परिणमइ नीललेस्सं परिणमित्ता नीलस्सेसु नेरइएसु उववज्जति । से तेण?णं गोयमा ! जाव-उववज्जति । ' से नूणं भंते ! कण्हलेस्से नीललेस्से जाव-भवित्ता काऊलेस्सेसु नेरइएसु उववज्जति ? एवं जहा नीललेस्साए तहा काऊलेस्साए वि भाणियव्वा जाव-से तेण?णं जाव उववज्जति ।
-भग० श १३ । उ १ । सू १८-२१ । पृ० ६७६ कृष्णलेशी, नीललेशी यावत् शुक्ललेशी जीव लेश्या-स्थान से संक्लिष्ट होतेहोते कृष्णलेश्या में परिणमन करता हुआ कृष्णलेश्या में परिणमन करके कृष्णलेशी नारकी में उत्पन्न होता है।
- कृष्णलेशी, नीललेशी यावत् शुक्ललेशी जीव लेश्या स्थान से संक्लिष्ट अथवा विशुद्ध होते-होते नीललेश्या में परिणमन करता हुआ नीललेश्या में परिणमन करके नीललेशी नारकी में उत्पन्न होता है।
कृष्णलेशी, नीललेशी यावत शुक्ललेशी जीव लेश्या-स्थान से संक्लिष्ट अथवा विशुद्ध होते-होते कापोतलेश्या में परिणमन करता हुआ कापोतलेश्या में परिणमन करके कापोतलेशी नारकी में उत्पन्न होता है ।
'६७ २.२ देवों में उत्पत्ति__ से नूणं भंते ! कण्हलेस्से नीलल्लेसे जाव सुक्कलेस्से भवित्ता कण्हलेस्सेसु देवेसु उववज्जति ? हंता गोयमा! एवं जहेव नेरइएसु पढमे उहेसए तहेव भाणियव्वं, नीललेस्साए वि जहेव नेरइयाणं जहा नीललेस्साए एवं जाव पम्हलेस्सेसु, सुक्कलेस्सेसु एवं चेव, नवरं लेस्सहाणेसु विसुज्झमाणेसु विसुज्झमाणेसु सुक्कलेस्सं परिणमइ सुक्कलेस्सं परिणमित्ता सुक्कलेस्सेसु देवेसु उववज्जंति, से तेण?णं जावउववज्जति ।
-भग० श १३ । उ २ । सू १५ । पृ० ६८१
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