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लेश्या-कोश - तेजोलेशी जीव का तेजोलेशीत्व की अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल अन्तर्मुहूर्त का तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल वनस्पति काल का अर्थात् अनंतकाल का होता है । '६५.५ पद्मलेशी जीव काएवं पम्हलेसस्स वि सुकलेसस्स वि दोण्ह वि एवमंतरं ।
-जीवा० प्रति ६ । सू २६६ । पृ० २५८ पद्मलेशी जीव का पद्मलेशीत्व की अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल अन्तमुहूर्त का तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल वनस्पति काल का होता है। '६५.६. शुक्ललेशी जीव का
देखो पाठ-६५.५
शुक्ललेशी जीव का शुक्ललेशीत्व की अपेक्षा जघन्य अन्तरकाल अन्तमुहूर्त का तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल वनस्पतिकाल का होता है । '६५'७ अलेशी जीव का
अलेसस्स णं भंते ! अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णस्थि अंतरं ।
-जीवा० प्रति ६ । सू २६६ । पृ० २५८ 1. सावि-अपर्ययसित स्थिति होने के कारण अलेशी जीव का अन्तरकाल नहीं होता है। ६६ सलेशी जीव काल की अपेक्षा सप्रदेशी-अप्रदेशी
( कालादेसेणं किं सपएसा, अपएसा ? ) सलेस्सा जहा ओहिया, कण्हलेस्सा, नीललेस्सा, काऊलेस्सा जहा आहारओ, नवरं जस्स अस्थि एयाओ, तेऊलेस्साए जीवाइओ तियभंगो, नवरं पुढविक्काइएसु, आउवनस्सईसु छब्भंगा, पम्हलेस्स-सुक्कलेस्साए जीवाइओ तियभंगो। अलेसेहिं जीव-सिद्ध हिं तियभंगो, मणुस्सेसु छन्भंगा।
-भग० श ६ । उ ४ । सू ५ । पृ० ४६६-६७ यहाँ काल की अपेक्षा से जीव सप्रदेशी है या अप्रदेशी-ऐसी पृच्छा है। काल की अपेक्षा से सप्रदेशी व अप्रदेशी का अर्थ टीकाकार ने एक समय की
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