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लेश्या-कोश
'५८२६.२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ब्रह्मलोक
देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक-१-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ब्रह्मलोक देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.२६.१) उनमें नौ गमकों में ही छ: लेश्याएं होती हैं । ( देखो पाठ ५८ २४.२ )
"५८ २७ लांतक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में.५८ २७.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि से
___ लांतक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्य च योनि से लांतक देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( x x x जहा सणंकुमारगदेवाणं वत्तव्वया तहा माहिंदगदेवाणं भाणियव्वा । xxx एवं जाव सहस्सारो। x x x लंतगादीणं जहन्नकालाढिइयस्स तिरिक्खजोणियस्स तिसु वि गमएसु छप्पि (छवि ? ) लेम्साओ कायव्वाओ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं ।
-भग० श २४ । उ २४ । सू १८ । पृ० ८५० "५८ २७.२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञो मनुष्य योनि से लांतक देवों
में उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से लांतक देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.२७.१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं । ( देखो पाठ "५८ २४.२ )
-~भग० श २४ । उ २४ । सू १८ । पृ० ८५० '५८ २८ महाशुक्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में'५८ २८.१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि से
महाशुक्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि से महाशुक्र देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ ५८२७ १) उन में नौ गमकों में ही छः लेश्याएं होती है । ( देखो पाठ '५८ २४.१ )
-भग० श २४ । उ २४ । सू १८ । पृ० ८५०
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