________________
१६४
लेश्या-कोश वाणश्यंतर देवी में चार लेश्या होती है। '२४ ज्योतिषी देव में (क) जोइसियाणं पुच्छा । गोयमा ! एगा तेऊलेस्सा।
-पण्ण० प १७ । उ २। सू १३ । पृ० ४३८ (ख) जोइसियाणं एगा तेऊलेस्सा।
-ठाण० स्था १ । सू २०० । ४६६ ज्योतिषी देवों में एक तेजो लेश्या होती है । '२४.१ ज्योतिषी देवी में एवं जोइसिणीण वि।
-पण्ण० प १७ । उ २ । सू१३ । पृ० ४३८ ज्योतिषी देवी में एक तेजो लेश्या होती है। '२५ वैमानिक देव में
(क) वेमाणियाणं पुच्छा। गोयमा! तिन्नि लेस्सा पन्नत्ता, तं जहा-तेऊलेस्सा, पम्हलेस्सा, सुक्कलेस्सा ।
-पण्ण० प १७ । उ २ । सू १३ । पृ० ४३८ (ख) वेमाणियाणं तओ लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा-तेऊलेस्सा, पम्हलेस्सा, सुक्कलेस्सा।
-ठाण० स्था ३ । उ १ । सू ६८ । पृ० ५४६ (ग) वेमाणियाणं तिन्नि उवरिमलेस्साओ।
-ठाण० स्था १ । सू २०० । पृ० ४६६ वैमानिक देव में तीन लेश्या होती है, थथा-तेजो, पद्म, शुक्ल लेश्या । '२५.१ वैमानिक देवी में वेमाणिणीणं पुच्छा। गोयमा ! एगा तेउलेस्सा।
-पण्ण० प १७ । उ २ । सू १३ । पृ० ४३८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org