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लेश्या-कोश '५८.१०.१४ नागकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में
उत्पन्न होने योग्य जीवों मेंगमक–१-६ नागकुमार यावत् स्तनितकुमार देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (नागकुमारे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु० एस चेव वत्तव्वया जाव-'भवाएसो'त्ति ! x x x एवं णव वि गमगा असुरकुमारगमगसरिसा xxx एवं जाव-थणियकुमाराणं ) उनमें नौ गमकों में ही चार लेश्या होती हैं।
-भग० श २४ । उ १२ । सू ४८ । पृ० ८३६ "५८.१०.१५ वानव्यंतर देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य
जीवों मेंगमक-१-६ वानव्यं तर देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (वाणमंतरदेवे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु० एएसिं वि असुरकुमारगमगसरिसा णव गमगा भाणियव्वा xxx सेसं तहेव ) उनमें नौ गमकों में ही चार लेश्या होती हैं ।
-भग० श २४ । उ १२ । सू ५० । पृ० ८३६ "५८.१०.१६ ज्योतिषी देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
गमक-१-६ ज्योतिषी देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (जोइसियदेवे णं भंते ! जे भविए पुढविक्काइएसु० ? लद्धी जहा असुरकुमाराणं । नवरं एगा तेऊलेस्सा पन्नत्ता। xxx एवं सेसा अट्ठ गमगा भाणियव्वा ) उनमें नौ गमकों में ही एक तेजोलेश्या होती है।
-भग० श २४ । उ १२ । सू ५२ । पृ० ८३६ .५८ १०.१७ सौधर्मकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से पृश्थीकायिक जीवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ सौधर्मकल्पोपपन्न वैमानिक देवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( सोहम्म देवे णं भंते ! जे भविए पुढवि
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