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लेश्या-कोश
२०७ गमक-१-६ वनस्पतिकायिक योनि से पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ऊपर .५८ १८.६) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती हैं । ( देखो '५८ १०५)
-भग० श २४ । उ २० । सू १०-१२ । पृ० ८३६-४० .५८.१८ १३ द्वीन्द्रिय से पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
गमक-१-६. द्वीन्द्रिय से पंचेन्दिय तिर्यच योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ऊपर •५८.१८.६ ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं । ( देखो .५८.१०.६ )
-भग० श २४ । उ २० । सू १०-१२ । पृ० ८३६-४० ५८.१८.१४ वीन्द्रिय से पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
गमक-१-६ त्रीन्द्रिय से पंचेन्द्रिय तिर्य च योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ऊपर '५८.१८६) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं । ( देखो '५८.१०.७ )
-भग० श २४ । उ २० । सू १०-१२ पृ० ८३६-४० .५८ १८.१५ चतुरिन्द्रिय से पंचेन्द्रिय तिर्य च योनि उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
गमक-१-४ चतुरिन्द्रिय से पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ऊपर .५८ १८.६ ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती हैं । ( देखो '५८.१०.८)
-भग० श २४ । उ २० । सू १०-१२ । पृ० ८३६-४० •५८.१८.१६ असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि में उत्पन्न
होने योग्य जीवों मेंगमक-१-६ असंज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि से पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( असन्निपंचिंदियतिरिक्खजोणिए णं भंते ! जे भविए पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जित्तए x x x ते णं
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