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लेश्या-कोश गमक-१-६ अप्कायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उवज्जित्तए x x x ते णं भंते ! जीवा० ? एवं जहेव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स पुढविक्काइयस्स वत्तव्वया सा चेव इह वि उववज्जमाणस्स भाणियव्वा णवसु वि गमएसु । x x x एवं आउक्कायाण वि । एवं वणस्सइकायाण वि । एवं जाव-चउरिंदियाण वि x x x ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती हैं । ( देखो '५८ .१८६7'५८ १०२)
-भग • श २४ ।उ २० १ । सू ४-६ । पृ० ४८५ '५८.१६.६ वनस्पतिकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य
जीवों में
गमक-१-४ वनस्पतिकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.१६८ ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तोन गमको में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती है। ( देखो .५८ १८ १२7°५८.१०.५ )
-भग० श २४ । उ २१ । सू ४-६ । पृ० ८४५ .५८ १६.१० द्वीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक-२-६ द्वीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ '५८ १६.८ ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती है। ( देखो .५८ १८.१३] ५८ १०.६)
-भग० श २४ । उ २१ । सू ४-६ । पृ० ८४५ "५८.१६ ११ श्रीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक-१-६ श्रीन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ .५८ १६.८ ) उनमें नौ गमकों में ही तीन लेश्या होती है । ( देखो '५८ १८ १४7°५८.१०७)
-भग० श २४ । उ २१ । सू ४-६ । पृ० ८४५ "५८ १८.१२ चतुरिन्द्रिय जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
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