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लेश्या-कोश णं भंते! जे भविए जोइसिएस उववज्जित्तए Xxx एवं जहा असंखेज्जवासाज्यसन्निपंचिदियस्स जोइसिएस चेव उववज्जमाणस्स सत्त गमगा तहेव मणुस्सार्णावि x x x सेसं तहेव निरवसेसं जाव'संवेहो' त्ति ) उनमें सात गमक होते हैं । इन सातों गमकों में प्रथम की चार लेश्या होती हैं । ( देखो ५८'८४) गमक ५ व ६ नहीं होते हैं ।
— भग० श २४ । उ २३ । सु ११ । पृ० ८४८
'५८ २१४ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ज्योतिषी देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक- १ - ६ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ज्योतिषी देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( जइ संखेज्जवासाज्यसन्निमणुस्सेहिंतो० ? संखेज्जवासाउयाणं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणानं तहेव नव गमगा भाणियव्वा । x x x सेसं तं चैव निरवसेसं x x x ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्या होती हैं । ( देखो पाठ ५८८५ )
-- भग० श २४ | उ २३ । सू १२ | पृ० ८४८
५८२२ सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में— ·५८·२२·१ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में-
गमक- १-६ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च योनि के जीवों से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( असंखेज्जवासायसन्निपंचिदियतिरिक्खजोणिए णं भंते! जे भविए सोहम्मग देवेसु उववज्जित्तए × × × ते णं भंते! x x x अवसेसं जहा जोइसिएस उववज्जमाणस्स । xxx एवं अणुबंधो वि, सेसं तहेव । × × × –प्र० ३-४। ग० १ । सो चेव जहन्नका लट्ठिईएस उववन्नो, एस चेव वन्त्तव्वया x x x - प्र० ४ । ग०२ । सो चेव उक्कोसका लट्ठिईएस उववन्नो xxx एस चैव वत्तव्वया x x x सेसं तहेव । × × × - प्र० ५ । ग० ३ । सो चेव अपणा जहन्नकालट्ठिइओ जाओ × × × एस चैव वक्त्तव्वया X xx सेसं तहेव । x x x - प्र० ६ । ग० ४ । सो
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