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लेश्या-कोश गमक-१-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य से नागकुमार देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( पजत्तसंखेजवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते ! जे भविए नागकुमारेसु उवजित्तए xxx एवं जहेव असुरकुमारेसु उववजमाणस्स सच्चेव लद्धी निरवसेसा नवसु गमएसु x x x उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्या होती है ( देखो '५८ ८.५'५८ १.३ )।
--भग० श २४ । उ ३ । सू १७ । पृ० ६२६ '५८ ६ ६ सुवर्ण कुमार यावत् स्तनितकुमार देवों में उत्पन्न योग्य नागकुमार देवों की तरह जो पाँच प्रकार के जीव हैं ( अवसेसा सुवन्नकुमारादी जावथणियकुमारा एए अह वि उद्देसगा जहेव नागकुमारा तहेव निरवसेसा भाणियव्वा ) उन पाँचों प्रकार के जीवों के सम्बन्ध में नौ गमकों के लिये जैसा नागकुमार उद्देशक में कहा वैसा कहना । इन आठों देवों के सम्बन्ध में प्रत्येक के लिए एक-एक उदेशक कहना ।
-भग० श २४ । उ ४-११ । पृ० ८२६ .५८ १० पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में•५८ १०.१ स्व योनि से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में
गमक-१-६ पृथ्वीकायिक जीवों से पृथ्वीकायिक जीवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए पुढविक्ककाइएसु उववज्जित्तए x x x ते णं भंते ! जीवा० x x x चत्तारि लेस्साओ x x x प्र३-४ । ग० १ । सोचेव जहन्नकालट्ठिईएसु उववन्नो xxx -एवं चेव वत्तव्वया निरवसेसा-प्र६। ग०२। सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएमु उववन्नो, x x x सेसं तं चेव, जाव-'अनुबंधो'त्ति xxx-प्र७ । ग०५। सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठिईओ जाओ, सो चेव पढमिल्लओ गमओ भाणियव्वो। णवरं लेस्साओ तिन्नि xxx -प्र८। ग०४ । सो चेव जहन्नकालट्ठिएसु उववन्नो सच्चेव चउत्थगमगवत्तत्वया भाणियव्वा-प्रह। ग०५। सो चेव उक्कोसकालट्ठिईएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया-xxx-प्र १० । ग०६। सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ जाओ, एवं तइयगमगसरिसो
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