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विषय
*७० सलेशी जीव और अनन्तर भव में मोक्ष प्राप्ति * १ कापोतलेशी जीव की अनन्तर भव में मोक्ष प्राप्ति - २ कृष्णलेशी जीव की अनंतर भव में मोक्ष प्राप्ति * ३ नीललेशी जीव की अनन्तर भव में मोक्ष प्राप्ति * ७१ लेश्या का विशुद्धिकरण और तदावरणीय कर्म के क्षयोपशम आदि से ज्ञानोत्पत्ति
*७२ सलेशी जीव और आरम्भ - परारम्भ - उभयारम्भ- अनारम्भ *७३ सलेशी जीव और कषाय
• १ सलेशी नारकी में कषायोपयोग के विकल्प
'२ सलेशी पृथ्वीकायिक में कषायोपयोग के विकल्प
• ३ सलेशी अकायिक में कषायोपयोग के विकल्प ४ सलेशी अग्निकायिक में कषायोपयोग के विकल्प - ५ सलेशी वायुकायिक में कषायोपयोग के विकल्प ६ सलेशी वनस्पतिकायिक में कषायोपयोग के विकल्प ७ सलेशी द्वीन्द्रिय में कषायोपयोग के विकल्प ८ सलेशी त्रीन्द्रिय में कषायोपयोग के विकल्प
• सलेशी चतुरिन्द्रिय में कषायोपयोग के विकल्प १० सलेशी तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय में कषायोपयोग के विकल्प * ११ सलेशी मनुष्य में कषायोपयोग के विकल्प १२ सलेशी भवनपति देव में कषायोपयोग के विकल्प * १३ सलेशी वानव्यंतर देव में कषायोपयोग के विकल्प १४ सलेशी ज्योतिषी देव में कषायोपयोग के विकल्प * १५ सलेशी वैमानिक देव में कषायोपयोग के विकल्प *७४ सलेशी जीव और त्रिविध बंध
* ७५ सलेशी जीव और कर्म बंधन
* १ सलेशी औधिक जीव-दण्डक और कर्म - बंधन
२ सलेशी अनंतरोपपन्न जीक तौर कर्म का बन्धन
• ३ सलेशी परंपरोपपन्न जीव और कर्म - बंधन ' ४ सलेशी अनंतरावगाढ जीव और कर्म - बंधन *५ सलेशी परंपरावगाढ जीव और कर्म - बन्धन ·६ सलेशी अनंतराहारक जीव और कर्म - बन्धन *७ सलेशी परंपराहारक जीव और कर्म - बन्धन
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