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लेश्या-कोश
१५५ (ग) ( भुयपरिसप्पसंमुच्छिमथलयरा ) जहा जलयराणं ।
-जीवा० प्रति १ । सू ३६ । पृ० ११४ भुजपरिसर्प स्थलचर समुच्छिम तिर्य च पंचेन्द्रिय में तीन लेश्या होती है । १६५ खेचर संमुच्छिम तिर्य च पंचेन्द्रिय में
(संमुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिया x x x खहयरा) जहा जलयराणं ।
__ -जीवा० प्रति १ । सू ३६ । पृ० ११५ - खेचर ( नभचर ) समुच्छिम तिर्य च पंचेन्द्रिय में तीन लेश्या होती है । .१६.६ गर्भज तिर्यच पंचेन्द्रिय में
गम्भवक्कंतिय-पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं पुच्छा। गोयमा ! छल्लेस्सा-कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा ।
-पण्ण० प १७ । उ २ । सू १३ । पृ० ४३८ गर्भज तिर्यच पंचेन्द्रिय में ६ लेश्या होती है। १६.७ गर्भज तिर्य च पंचेन्द्रिय ( स्त्री ) में तिरिक्खजोणिणीणं पुच्छा। गोयमा ! छल्लेस्सा एयाओ चेव ।
-पण्ण० प १७ । उ २ । सू १३ । पृ० ४३८ तिर्यच योनिक स्त्री ( गर्भज तिर्य च ) में छः लेश्या होती है । १६.८ जलचर गर्भज तिर्य च पंचेन्द्रिय में
गब्भवक्कंतिय-पंचेंदियतिरिक्खजोणिया xxx जलयरा x x x छल्लेस्साओ।
-जीवा० प्रति १ । सू ३८ । पृ० ११५ गर्भज जलचर तिर्यच पंचेन्द्रिय में छः लेश्या होती है।
.१६स्थलचर गर्भज तिर्यच पंचेन्द्रिय में
चतुष्पाद स्थलचर गर्भज तिर्यच पंचेन्द्रिय में
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