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होता है । सर्वास्तिवादियों के त्रिपिटक में 'आगम' शब्द का ही प्रयोग होता है । इसी का चीनी भाषा में 'अगोन्' हो गया है । सर्वास्तिवाद में यद्यपि प्रधानता प्रथम चार निकायों की ही है, किन्तु वहाँ पाँचवाँ निकाय भी मिलता है । उसका नाम पालि खुद्दक निकाय के अनुरूप ही 'क्षुद्रकागम' है। पालि खुद्दक निकाय के कितने ग्रन्थ सर्वास्तिवादी सम्प्रदाय में मिलते हैं, यह निम्नांकित सूची से विदित होगा ।
स्थविरवादी खुद्दक निकाय के ग्रन्थ
१. खुद्दक पाठ
२. धम्मपद
३. उदान
४. इतिवृत्तक
५. सुत्तनिपात
६. विमानवत्थु
७. पेतवत्थु
८. थेरगाथा
९. थेरी गाथा
१०. जातक
११. निस
१२. पटिसम्भिदामग्ग
१३. अपदान
१४. बुद्धवंस
१५. चरियापिटक
विभंग
खन्धक
सर्वास्तिवादी परम्परा में प्राप्त ग्रन्थ
२. पाचित्तिय
३. महावग्ग
४. चुल्लवग्ग
धर्मपदं
उदानं
दोनों परम्पराओं के विनय-पिटक का विभाजन इस प्रकार है-
स्थविरवादी विनय-पिटक सर्वास्तिवादी विनय-पिटक
१. पाराजिका
पाराजिका
प्रायश्चित्तिकं
अवदानं
(जातक)
सूत्रनिपात: विमानवस्तु
बुद्धवंशम्